उत्तर प्रदेश: लखनऊ में हिंदुत्ववादी संगठन के नेता की हत्या मामले में पांच लोग गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्या मामले का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है. कमलेश तिवारी की मां ने भाजपा नेता पर लगाया हत्या का आरोप.

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Lucknow: In this undated photo is seen Hindu Samaj Party founder Kamlesh Tewari, who was killed at his office in Lucknow, Friday, Oct. 18, 2019. (PTI Photo)(PTI10_18_2019_000125)

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्या मामले का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है. कमलेश तिवारी की मां ने भाजपा नेता पर लगाया हत्या का आरोप.

Lucknow: In this undated photo is seen Hindu Samaj Party founder Kamlesh Tewari, who was killed at his office in Lucknow, Friday, Oct. 18, 2019. (PTI Photo)(PTI10_18_2019_000125)
कमलेश तिवारी. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते 18 अक्टूबर को हुई हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की जांच कर रही पुलिस ने गुजरात पुलिस के सहयोग से तीन संदिग्धों को सूरत से हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी अनवारुल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी. जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला.

उन्होंने बताया, ‘सुरागों के आधार पर मैंने गुजरात के डीजीपी से बात की.’

सिंह ने बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले. उत्तर प्रदेश पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख (24), फैजान (30) और रशीद अहमद पठान (30) हैं. तीनों सूरत के रहने वाले हैं. डीजीपी सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, घटनास्थल पर पुलिस को मिठाई का एक डिब्बा मिला था, जिस पर सूरत का पता था. सूत्रों ने बताया कि मिठाई सूरत के नवसारी बाजार इलाके की एक दुकान से ली गई थी.

सूरत क्राइम ब्रांच ने दुकान के मालिक से संपर्क किया था और संदिग्ध ग्राहकों के बारे में पूछताछ की थी.

कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर इस मामले में नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था. इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है.

डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था. उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इनमें से एक रशीद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है.

उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी.

सिंह ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है.

कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े रह चुके थे. उन्होंने पूर्व में हजरत मोहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कमलेश तिवारी ने दो साल पहले हिंदू समाज पार्टी की स्थापना की थी. साल 2015 में कथित तौर पर उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिस पर काफी विवाद और विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.

इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मुकदमा भी चला था. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ रासुका के तहत की जा रही कार्रवाई खत्म कर दी थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कमलेश सीतापुर जिले के रहने वाले थे. साल 2012 में उन्होंने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के टिकट से लखनऊ (मध्य) विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे.

गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में बीते 18 अक्टूबर को हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गई.

पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए. उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था. जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.

कमलेश तिवारी की मां ने भाजपा नेता पर हत्या का आरोप लगाया

इस बीच कमलेश तिवारी की मां ने उनकी हत्या का आरोप भाजपा नेता शिव कुमार गुप्ता पर लगाया है और प्रदेश की योगी सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया है.

एक वीडियो में वह कह रही हैं, ‘शिव कुमार गुप्ता ठठेरी के माफिया हैं. उनके ऊपर 500 केस चल रहे हैं. भूमाफिया हैं. शिव कुमार गुप्ता मंदिर का जबरदस्ती अध्यक्ष बन गए. मुकदमा भी उन्हीं से चलता है.’

वे कहती हैं, ‘उन्होंने (शिव कुमार गुप्ता) इनको (कमलेश तिवारी) मरवा दिया. इनके आगे उनकी दाल नहीं गली. भारतीय जनता पार्टी और योगी की दाल नहीं गली, इसलिए उन्होंने मरवा दिया. लेकिन हम अभी जिंदा हैं. हम शिव कुमार गुप्ता को मार डालेंगे.’

एसआईटी करेगी मामले की जांच

हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है.

कमलेश की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित कर दी. लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य होंगे.

इस बीच, सोशल मीडिया पर तथाकथित संगठन अलहिंद ब्रिगेड के नाम से एक फोटो संदेश वायरल हुआ जिसमें इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई. हालांकि इसकी सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी. घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछ कर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया. हो सकता है कि हत्यारों ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया हो.

सीतापुर में कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि मामले की जांच एनआईए करे. हम किसी पर भरोसा नहीं करते. सुरक्षाकर्मियों के होने के बाद भी मेरे पिता को मार डाला गया, ऐसे में हम प्रशासन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं.’

कमलेश तिवारी का शव सीतापुर के महमूदाबाद स्थित उनके घर पहुंचा दिया गया है. परिवारवालों ने कहा है कि जब तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवार से नहीं मिलेंगे तब तक कमलेश का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. कमलेश की पत्नी ने आत्मदाह की धमकी दी है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सीतापुर में कमलेश तिवारी के परिवार से मुलाकात के बाद लखनऊ संभागीय आयुक्त ने कहा कि कमलेश के बड़े बेटे को आत्मरक्षा के लिए एक लाइसेंसशुदा हथियार दिया जाएगा. नौकरी के लिए उनके नाम की सिफारिश की जाएगी. इसके अलावा परिवार को उचित वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि कमलेश के परिजनों की मांगों का संज्ञान लिया गया है. उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. मुख्यमंत्री के साथ उनके मुलाकात का समय तय किया जा रहा है. हमने उनके लिए एक सरकारी आवास देने की सिफारिश की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘कमलेश तिवारी की हत्या दहशत पैदा करने की एक शरारत है. कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. अन्य लोगों के लिए दबिश दी जा रही है. मामले की जांच एसआईटी को देकर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं. शाम को मैं फिर इस घटना की समीक्षा करूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘भय और दहशत पैदा करने वाले जो भी तत्व होंगे सख्ती के साथ उनके मंसूबों को कुचल कर रख देंगे. इस प्रकार के किसी भी वारदात को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा. जो भी इस घटना में संलिप्त होगा, किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा. कमलेश के परिवार के लोग अगर मुझसे मिलने आएंगे तो मैं जरूर मिलूंगा. मुझे किसी से मिलने में कोई दिक्कत नहीं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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