विशेष रूप से सक्षम और 80 साल से अधिक उम्र के मतदाता डाक मत-पत्र से डाल सकेंगे वोट

चुनाव आयोग की सिफ़ारिश पर क़ानून मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ सैन्य, अर्ध सैन्य बल के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के अलावा निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मत-पत्र से मताधिकार प्राप्त है.

Kandhamaal: An elderly voter show her finger marked with indelible ink at Adabadi polling booth during the second phase of Lok Sabha elections in Kandhamaal, Thursday, April 18, 2019. PTI Photos
(प्रतीकात्म तस्वीर: पीटीआई)

चुनाव आयोग की सिफ़ारिश पर क़ानून मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ सैन्य, अर्ध सैन्य बल के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के अलावा निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मत-पत्र से मताधिकार प्राप्त है.

Kandhamaal: An elderly voter show her finger marked with indelible ink at Adabadi polling booth during the second phase of Lok Sabha elections in Kandhamaal, Thursday, April 18, 2019. PTI Photos
(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकार ने 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और विशेष रूप से सक्षम (डिफरेंटली एबल्ड) मतदाताओं को डाक मत-पत्र (पोस्टल बैलट) से वोट डालने की सुविधा दे दी है.

चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है.

मंत्रालय ने विशेष रूप से सक्षम और 80 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को डाक मत-पत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन के संचालन नियम 1961 में संशोधन करते हुये इन्हें अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी में शामिल कर दिया है.

मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ सैन्य, अर्ध सैन्य बल के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के अलावा निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मत-पत्र से मताधिकार प्राप्त है.

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इसका मकसद अधिक उम्र या अन्य शारीरिक अक्षमता के कारण मतदान केंद्रों तक पहुंचने में अक्षम मतदाताओं की भी मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करना है.

एक अनुमान के मुताबिक, ऐसे मतदाताओं की पर्याप्त संख्या को देखते हुए यह सहूलियत मिलने के बाद मतदान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है.

सरकार ने अधिसूचना जारी कर अनुपस्थित मतदाता की परिभाषा का दायरा व्यापक करते हुए इसमें संशोधित नियमों के तहत एक नोडल अफसर की तैनाती का भी प्रावधान किया है, जो अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी में शामिल होने के दावों का सत्यापन करेगा.

इसके साथ ही अनुपस्थित मतदाता होने का दावा करने के लिए भरे जाने वाले आवेदन फॉर्म का प्रारूप तैयार किया गया है, ताकि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक और विशेष रूप से सक्षम मतदाता इस श्रेणी में शामिल होने का दावा कर डाक मत-पत्र की मांग कर सकें.

भारत में अभी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसने वाले मतदाताओं को अपने मूल निवास स्थान पर ही जाकर मतदान करना होता है.

मालूम हो कि अनुपस्थित मतदाता ई-पोस्टल बैलट से मतदान करते हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव में अनुपस्थित मतदाताओं में शामिल 60.14 प्रतिशत मतदाताओं ने ई-पोस्टल बैलट से मतदान किया था, जबकि 2014 के आम चुनाव में यह सिर्फ चार प्रतिशत रहा था.

इस साल के आंकड़ों के मुताबिक, डाक मत-पत्र से मतदान करने वाले मतदाताओं में रक्षा मंत्रालय के तहत सैन्य बलों के लगभग 10 लाख, गृह मंत्रालय के अधीन अर्ध सैन्यबलों के 7.82 लाख और विदेशी मिशन में कार्यरत विदेश मंत्रालय के 3539 मतदाता सूचीबद्ध हैं.