दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में हुई आतंकी घटना. मृतक की पहचान संजय कुमार शर्मा की रूप में हुई. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के बाद प्रशासन द्वारा उनके घर को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. अचन में संजय का अकेला कश्मीरी पंडित परिवार है, जो घाटी में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने पर यहां वापस आ गया था.
पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती 2005 से जिस घर में रह रही थीं, वह उनसे ख़ाली करा लिया गया था, जिसके बाद वे बीते 28 नवंबर को श्रीनगर से कुछ दूरी पर बने अपनी बहन के घर शिफ्ट हो गईं. इससे पहले पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने दो बार इस घर की सुरक्षा समीक्षा की, लेकिन इन रिपोर्ट में आए निष्कर्षों से मुफ़्ती को अवगत नहीं कराया गया.
अक्टूबर 2021 में श्रीनगर के फोटो जनर्लिस्ट मोहम्मद मनन डार को एनआईए ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियों का मामला बनाने के लिए कुछ पोस्टर, बैनर या अन्य आपत्तिजनक सामग्री का होना पर्याप्त नहीं है.
जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित एक सैन्य शिविर के पास की घटना. शिविर के गेट के पास शुक्रवार सुबह गोलियों से छलनी दो नागरिकों के शव मिले थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन पर सेना के एक जवान ने गोलियां चलाई हैं, जबकि सेना ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे आतंकवादी कृत्य बताया है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
आधिकारिक दस्तावेज़ के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक परिवार को सरकारी सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए 'जम्मू कश्मीर परिवार पहचान पत्र' नामक एक यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा. यह हरियाणा के 'परिवार पहचान अधिनियम 2021' की तर्ज पर लागू होगा.
मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के एक दिन पहले राज्य के प्रमुख नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था, जिनमें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मीरवाइज़ उमर फारूक़ भी थे. हुर्रियत के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज्य के अधिकारियों ने उन आरोपों का विवरण देने से इनकार कर दिया है जो मीरवाइज़ पर लगाए गए हैं.
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के नौगाम थाने की पुलिस बीते 9 जुलाई की सुबह मुस्लिम मुनीर लोन नामक युवक को चोरी के आरोप में घर से अपने साथ ले गई थी. बाद में उनकी मां को बुलाकर बेसुध हालत में उन्हें सौंप दिया गया. परिजन जब अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के चलते मौत होने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.
तीन जुलाई को जम्मू कश्मीर पुलिस ने ‘वॉन्टेड आतंकी’ और ‘लश्कर-ए-तैयबा कमांडर’ बताते हुए तालिब हुसैन शाह को गिरफ़्तार किया है, जिसे बीते मई महीने में भाजपा की अल्पसंख्यक सोशल मीडिया विंग का इंचार्ज बनाया गया था. अब तालिब को बेदख़ल करने की मांग करते हुए भाजपा ने दावा किया कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मारने की योजना बना रहा था.
जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने 'द कश्मीर वाला' के कार्यवाहक संपादक यशराज शर्मा को समन जारी कर 2011 में पत्रिका में छपे एक विवादित लेख के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेख के प्रकाशन के समय यशराज की उम्र 12 वर्ष थी.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को एक महीने के भीतर तीसरी बार गिरफ़्तार करने से पहले दो बार ज़मानत मिल गई थी. फहद की बार-बार गिरफ़्तारी और यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. वैश्विक मीडिया एडवोकेसी समूहों और कार्यकर्ताओं ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.
शोपियां के कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने गिरफ़्तारी वॉरंट जारी करते हुए कहा है कि गौहर गिलानी लगातार सार्वजनिक शांति भंग करने का काम कर रहे हैं. उन्हें सात फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए.
परिसीमन आयोग ने अपनी दूसरी मसौदा रिपोर्ट में सुचेतगढ़ विधानसभा सीट का आरएस पुरा सीट में विलय करने का प्रस्ताव दिया है. इस तरह सुचेतगढ़ विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जिसके विरोध में भाजपा के करीब 200 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.
पत्रकार सज्जाद गुल को मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. जन सुरक्षा क़ानून के तहत लगे आरोपों में कहा गया है कि वे हमेशा राष्ट्र-विरोधी ट्वीट्स की तलाश में रहते हैं और सूबे की नीतियों के प्रति नकारात्मक रहे हैं.