हम अनैतिक नहीं हैं क्योंकि हमसे पहले सब अनैतिक हो चुके हैं

पूरब और पश्चिम के गाने को कर्नाटक के संदर्भ में समझते हुए दिखता है कि प्रणय निवेदन हेतु मनोज कुमार के हाथों में एक फाइल है, जिसमें विधायकों के दस्तख़त की कल्पना सहज ही की जा सकती है.

कर्नाटक में कांग्रेस को विपक्ष में बैठना चाहिए, जनादेश भाजपा के लिए है

कर्नाटक में सरकार बनाने का पहला हक़ भाजपा का है, भले ही भाजपा ने किसी और राज्य में किसी और को उसका पहला हक़ नहीं लेने दिया.

सेना पर सवाल से आगबबूला होने वाले भाजपा नेताओं को अब सेना से क्यों शिकायत है?

जम्मू कश्मीर भाजपा के शीर्ष नेताओं की एक कंपनी ने भारतीय सेना के नगरोटा आयुध भंडार के पास प्रतिबंधित इलाके में ज़मीन ख़रीदकर निर्माण करवाना शुरू किया है. सेना ने इस पर आपत्ति जताई है. इसके बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर निर्मल सिंह का कहना है कि निर्माण पर राजनीति के चलते सवाल उठाए जा रहे हैं.

भगत सिंह और नेहरू को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जो बोला है, वो ग़लत नहीं बल्कि झूठ है

नेहरू से लड़ते-लड़ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चारों तरफ नेहरू का भूत खड़ा हो गया. नेहरू का अपना इतिहास है. वो किताबों को जला देने और तीन मूर्ति भवन के ढहा देने से नहीं मिटेगा. यह ग़लती ख़ुद मोदी कर रहे हैं.

क्या मलेशिया से जीएसटी की विदाई हो जाएगी?

माना जाता है कि जो सरकार जीएसटी लागू करती है वो चुनाव हार जाती है. मलेशिया में ऐसा हुआ लेकिन वहां के अनुभव को भारत से जोड़ने से पहले भारत के अनुभवों और यहां की राजनीति को समझना होगा.

चुनाव आयोग को पता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्या चल रहा है?

कर्नाटक चुनाव के समय वहां के मीडिया में राज्य के सत्ता पक्ष और केंद्र के सत्ता पक्ष के बीच कैसा संतुलन है, इसकी समीक्षा रोज़ होनी चाहिए थी. चुनाव आयोग कब सीखेगा कि मीडिया कवरेज और बयानों पर कार्रवाई करने और नज़र रखने का काम चुनाव के दौरान होना चाहिए न कि चुनाव बीत जाने के तीन साल बाद.

अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने झूठ को लेकर इतने रचनात्मक प्रयोग नहीं किए हैं

अगर चुनावी जीत में प्रधानमंत्री के झूठ का इतना बड़ा रोल है तो हर झूठ को हीरा घोषित कर देना चाहिए. इस हीरे का एक कंगन बना लेना चाहिए. फिर उस कंगन को राष्ट्रीय स्मृति चिह्न घोषित कर देना चाहिए.

क्या सरकार को हुज़ूर नहीं जी हुज़ूर जज चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?

प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट का वजन बढ़ा है, तो अमीर नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?

दुनिया भर में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर है, जिसके अरबपति नागरिकता छोड़ देते हैं. 2015 और 2017 के बीच 17,000 अति अमीर भारतीयों ने प्यारे भारत का त्याग कर दिया.

क्या गोदी मीडिया यह मान रहा है कि जस्टिस मिश्रा राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला देंगे?

गोदी मीडिया के पास यह मानने के क्या आधार हैं कि दूसरे जज ख़िलाफ़ में फ़ैसला देंगे? महाभियोग के आरोपों को ख़ारिज करने के क्रम में गोदी मीडिया भी सीमाएं लांघ रहा है.

आप सांप्रदायिकता से लड़िए क्योंकि इसमें आप मारे जाते हैं

सांप्रदायिकता से इसलिए मत लड़िए कि कांग्रेस-बीजेपी करना है. ये पार्टियां या तो चुप रहकर सांप्रदायिकता करती हैं या फिर खुलेआम. इनके आने-जाने से यह लड़ाई कभी अंजाम पर नहीं पहुंचती है.

नफ़रत की यह राजनीति आपका इस्तेमाल करेगी और हत्यारा बना देगी

लोग आपको तिरंगे की चादर में लपेट कर हिंदुत्व का मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण दे रहे थे, इसलिए नहीं कि आप सात्विक और आध्यात्मिक बन जाएं बल्कि किसी की हत्या के वक़्त हिंदुत्व के नाम पर आप चुप रहना सीख लें.

ग्लोबल चुनाव आयुक्त मार्क ज़ुकरबर्ग का शुक्रिया

भारत के चुनाव आयुक्त को एक थैंक्यू नोट जल्द ही मार्क ज़ुकरबर्ग को भेज देना चाहिए क्योंकि फेसबुक तो उसका पार्टनर है. जहां दुनिया की संस्थाएं चुनावों में फेसबुक की साज़िशी भूमिका को लेकर सतर्क हैं वहीं भारत का चुनाव आयोग फेसबुक से करार कर चुका है.

विपक्ष को कुत्ती-कुत्ता बताने के चक्कर में अमित शाह ने मोदी को विनाश का प्रतीक बना दिया

विपक्ष को गाली देने के जोश में अमित शाह को शेर रूप मोदी को उस पेड़ पर नहीं चढ़ाना चाहिए था, जहां दूसरे जानवर भी बैठे हैं. मोदी तो विकास के प्रतीक हुआ करते थे, विनाश के पर्याय कब बन गए?

फ़ेक न्यूज़ पर प्रधानमंत्री को संत बनने का कोई अधिकार नहीं है

केंद्र के 13 मंत्री जिस वेबसाइट का लिंक ट्वीट करते हैं, आह्वान करते हैं कि फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं, उस वेबसाइट को कौन चलाता है, कहां से चलती है, इसका पता दो दिनों तक मीडिया में चर्चा होने के बाद भी नहीं चलता है.

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