‘स्वायत्तता’ के आगमन के साथ-साथ अब अकादमिक संस्थान दुकानों में तब्दील कर दिए जाएंगे, जहां बाज़ार की ज़रूरतों के अनुरूप कोर्स गढ़े जाएंगे और उसी के अनुसार उनकी फीस तय होगी.
‘स्वायत्तता’ के आगमन के साथ-साथ अब अकादमिक संस्थान दुकानों में तब्दील कर दिए जाएंगे, जहां बाज़ार की ज़रूरतों के अनुरूप कोर्स गढ़े जाएंगे और उसी के अनुसार उनकी फीस तय होगी.