गुजरात: वेतन मांगने पर महिला व्यवसायी ने दलित व्यक्ति को मुंह में जूते रखने के लिए मजबूर किया

गुजरात के मोरबी शहर का मामला. एफ़आईआर के मुताबिक, 21 वर्षीय नीलेश दलसानिया अक्टूबर में महिला व्यवसायी की कंपनी के निर्यात विभाग में किए गए अपने 16 दिन के काम का वेतन मांगने गए थे, जब उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया गया. आरोपियों के ख़िलाफ़ आईपीसी के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में 8 महीने से जारी आदिवासी आंदोलन को जबरन बंद कराया, 21 लोग गिरफ़्तार

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के टोडगट्टा में 70 से अधिक आदिवासी गांवों के लोग सुरजागढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित छह लौह अयस्क खदानों के ख़िलाफ़ पिछले आठ महीनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस द्वारा आंदोलन ख़त्म कराए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है. उन्होंने गिरफ़्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की.

बिहार जाति सर्वेक्षण: कौन हैं जो दोनवार कहे गए?

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. सत्रहवां भाग दोनवार जाति के बारे में है.

भारतीय क्रिकेट टीम पर उस देश की उम्मीदों का बोझ था, जो हमेशा विजेता रहना चाहता है

क्रिकेट विश्वकप में घरेलू टीम को मिलने वाले फायदों के बारे में बहुत कुछ कहा गया है- भारतीयों को पूरा समर्थन देने वाले 1,00,000 से अधिक प्रशंसक मनोबल बढ़ाने वाले हो सकते हैं, लेकिन यह एक तरह का दबाव भी है.

ओडिशा: चोरी के आरोप में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या

घटना बारगढ़ ज़िले के साहूटिकरा गांव में तब हुई, जब चार युवकों ने घर लौट रहे कॉलेज छात्रों से कथित तौर पर मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की. पुलिस ने बताया कि एक युवक भागने में सफल रहा, जबकि बाकी तीन को भीड़ ने बेरहमी से पीटा. एक की मौक़े पर ही मौत हो गई और दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

यूपी: बलात्कार की शिकायत वापस लेने से मना करने पर आरोपी के भाई ने पीड़िता की सरेआम हत्या की

मामला कौशांबी ज़िले का है, जहां पिछले साल एक 20 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के आरोप में उनके पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया था. कुछ दिन पहले ज़मानत पर छूटा आरोपी और उसका भाई पीड़िता व उनके परिजनों पर शिकायत वापस लेने और समझौता करने का दबाव बना रहे थे.

बिहार जाति सर्वेक्षण: राजनीतिक दलों की उपेक्षा का शिकार रहे हैं धुनिया

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. सोलहवां भाग धुनिया जाति के बारे में है.

बिहार जाति सर्वेक्षण: चिराग तले अंधेरे की स्थिति में रहे बारी और बौरी

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. पंद्रहवां भाग बारी व बौरी जाति के बारे में है.

जम्मू कश्मीर: श्रीनगर की जामिया मस्जिद में लगातार छठे शुक्रवार नमाज़ की अनुमति नहीं दी गई

मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.

7 लाख छात्र प्रभावित, सरकार ग़ैर-मान्यता वाले मदरसों को मान्यता दे: यूपी मदरसा बोर्ड अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ़्तिख़ार अहमद जावेद ने राज्य सरकार के सर्वे में ग़ैर-मान्यता प्राप्त पाए गए 8,449 मदरसों को मान्यता प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इनमें पढ़ने वाले 90-95 प्रतिशत छात्र पसमांदा समुदाय के हैं, जिसके कल्याण की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं.

बिहार जाति सर्वेक्षण: कम आबादी के चलते हक़ों से वंचित रहा है चीक समुदाय

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. चौदहवां भाग चीक जाति के बारे में है.

कुत्ते के काटने के पीड़ितों को दांत के हर निशान के लिए 10,000 रुपये मिलेंगे: हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आवारा जानवरों के हमलों से संबंधित 193 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कुत्तों और मवेशियों सहित आवारा जानवरों के हमलों के मामलों में पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए प्राथमिक तौर पर सरकार उत्तरदायी होगी, जो दोषी से इसकी वसूली कर सकती है.

बिहार जाति सर्वेक्षण: कमार समाज को उचित सम्मान और भागीदारी मिलने चाहिए

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. तेरहवां भाग कमार जाति के बारे में है.

भारत में 5 जीवित अंग दाताओं में से 4 महिलाएं और 5 प्राप्तकर्ताओं में से 4 पुरुष हैं: अध्ययन

एक अध्ययन में पाया गया कि पु​रुषों के लिए अंग प्रत्यारोपण अधिक हुए, लेकिन इस मामले में महिलाओं की संख्या कम थी. अंग दान के लिए अधिकांश महिला का प्राथमिक कारण उन पर परिवार में देखभाल करने वाला होने और देने वाला होने का सामाजिक-आर्थिक दबाव है और चूंकि ज़्यादातर मामलों में पुरुष कमाने वाले होते हैं, इसलिए वे किसी भी सर्जरी से गुज़रने से झिझकते हैं.

नई सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक संभावनाओं की तलाश करती है ‘बॉडी ऑन द बैरिकेड्स’

पुस्तक समीक्षा: जेएनयू प्रोफेसर ब्रह्म प्रकाश की किताब 'बॉडी ऑन द बैरिकेड्स- लाइफ, आर्ट एंड रेसिस्टेंस इन कंटेंपररी इंडिया’ पन्ना-दर-पन्ना समझाती है कि फासीवाद के इस दौर में कभी भूमि सुधार की मांग करने वाले लोग अब राज्य द्वारा उनके घरों पर बुलडोजर चलाने के आपराधिक कृत्य का विरोध तक नहीं कर पा रहे हैं.

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