पाकिस्तानी फिल्मों ने विभाजन को किस ​तरह दिखाया

आज़ादी के 75 साल: विभाजन के बाद पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को बनाने में न सिर्फ सीमित संसाधनों की समस्या का सामना करना पड़ा, बल्कि भारत से आने वाली तकनीकी रूप से श्रेष्ठ हिंदी फिल्मों को सीमित करने के लिए ताकतवर डिस्ट्रीब्यूटर लॉबी से भी लड़ाई लड़नी पड़ी.

बंटवारे के बाद हमेशा के लिए बदल गया भारतीय ज़ायक़ा

आज़ादी के 75 साल: बंटवारे के बाद नए ज़ायक़ों ने जगह बनानी शुरू कर दी. ‘तंदूरी’ दिल्ली का खाना बन गई और शाहजहानाबाद यानी पुरानी दिल्ली के मुग़लई व्यंजन थाली से बाहर होते गए. बंटवारे के पहले के कई व्यंजन अब भुलाए जा चुके हैं, लेकिन यह भी सच है कि उस प्रलयकारी अध्याय ने भारत का परिचय नए ज़ायक़ों से भी कराया.

हिंदी साहित्य ने विभाजन को कैसे देखा

जहां हिंदी लेखकों ने विभाजन पर बार-बार लिखा, हिंदी कवि इस पर तटस्थ बने रहे. कइयों ने आज़ादी मिलने के जश्न की कविताएं तो लिखीं, लेकिन देश बंटने के पीड़ादायी अनुभव पर उनकी चुप्पी बनी रही.

बुनियाद: वो धारावाहिक जिसने विभाजन की विभीषिका को बख़ूबी बयां किया

इसमें कोई शक नहीं कि रामायण और महाभारत जैसी मिथकीय गाथाओं का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर कहीं व्यापक असर पड़ा, मगर जो मानक बुनियाद ने बनाया, उसे फिर नहीं बनाया जा सका.

नकली इतिहास भारत पर प्रेतात्मा बन कर छाया हुआ है

स्मृति के रूप में जीवित विभाजन एक मौखिक संसार है, जो चुप्पियों में दबा हुआ है, नाउम्मीदी की भाषा में फंसा हुआ है. 76 सालों के बाद भी जिसके ज़ख़्म भरने का नाम नहीं लेते.

तमिलनाडुः कई स्कूलों में बच्चों को जातिसूचक रिस्टबैंड पहनाने का आरोप, जांच के आदेश

एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के कई स्कूलों में बच्चों की जाति बताने के लिए उनके हाथ में अलग-अलग रंगों के बैंड पहनाए जा रहे हैं. स्कूली शिक्षा निदेशक ने ऐसे स्कूलों की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

सरकार अब संवाद से परे हो चुकी है…

एक तरफ कहा जाता है कि कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है, उस लिहाज़ से कश्मीरी भी अभिन्न होने चाहिए थे. तो फिर इस बदलाव की प्रक्रिया में उनसे बात क्यों नहीं की गई? उनकी राय क्यों नहीं पूछी गई?

केरल के तीन जिलों में रेड अलर्ट, बारिश संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 88 हुई

केरल के एर्नाकुलम, इडुक्की और अलाप्पुझा में मंगलवार और उत्तरी जिलों मलप्पुरम और कोझिकोड में बुधवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया. राज्य के 1,332 राहत शिविरों में 2.52 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है.

कश्मीर में फोन करने के लिए लंबी कतारें, दो घंटे इंतजार के बाद दो मिनट की बात

फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद लोगों में निराशा बढ़ती जा रही है. कुछ अधिकारी यह स्वीकार कर रहे हैं कि फोन लाइनों के बंद रहने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

जुलाई में वाहन बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट, 15,000 लोगों ने गंवाई नौकरी

बीते दो-तीन महीने से भारी दबाव झेल रहे वाहन उद्योग क्षेत्र में 10 लाख से अधिक नौकरियों पर ख़तरा मंडरा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार वाहनों की गिरती बिक्री के कारण करीब 300 डीलर अपने स्टोर बंद करने पर मजबूर हैं, जिसके चलते करीब दो लाख नौकरियां जा सकती हैं.

हिरासत में आदिवासियों ने पानी मांगा तो पेशाब पीने के लिए किया मजबूर, चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

मामला मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले का है. इस मामले में नानपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.

अब कम आती हैं चिट्ठियां, डाक टिकटों की बिक्री में 78 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक डाक विभाग ने साल 2017-18 में डाक टिकट बेचकर 366.69 करोड़ रुपये कमाए थे. लेकिन साल 2018-19 में ये राशि पिछले साल के मुकाबले 78.66 प्रतिशत घटकर 78.25 करोड़ रुपये ही रह गई.

पाकिस्तानी वाली गली: दादरी के इस मोहल्ले में रहने वाले लोग परेशान क्यों?

ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर ज़िले के दादरी स्थित गौतमपुरी इलाके की एक गली का नाम ‘पाकिस्तानी वाली गली’ होने वजह से यहां रह रहे लोगों को परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को कहना है कि इस नाम की वजह से उन्हें जल्दी कहीं काम नहीं मिलता और स्कूल बच्चों को दाख़िला देने में भी आनाकानी करते हैं.

जिस कश्मीरी बाल कलाकार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, उसे ख़बर तक नहीं

हामिद फिल्म के निर्देशक ने बताया कि जम्मू कश्मीर में संचार के माध्यम बंद होने के चलते फिल्म के मुख्य कलाकार तल्हा अरशद रेशी से संपर्क नहीं हो सका है. रेशी को हामिद फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया है.

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