उत्तराखंडः सवर्ण जाति के लोगों के सामने कुर्सी पर बैठकर खाना खाने पर दलित की हत्या

मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.

उर्दू वाला चश्मा: कश्मीर- एक ताज़ा नज़रिया

उर्दू वाला चश्मा की इस कड़ी में नूपुर शर्मा कश्मीर मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं. साथ ही उन्होंने पत्रकार और लेखक डेविड देवदास से भी बात की, जो कश्मीर पर किताबें लिख चुके हैं.

नक्सली हमलों से 15 गुना अधिक हार्ट अटैक, डिप्रेशन, डेंगू से सीआरपीएफ जवानों की मौत

यह आंकड़ा सभी 11 नक्सल प्रभावित राज्यों का है. साल 2016 से जुलाई 2018 तक हार्ट अटैक, मलेरिया-डेंगू, आत्महत्या और अन्य गैर नक्सली कारणों से 1294 सीआरपीएफ जवानों की मौत हुई है.

नोएडा: सीवर खुदाई के दौरान दो मजदूरों की मौत

घटना नोएडा के सेक्टर 107 के सलारपुर में हुई. सीवर की खुदाई करते समय पास के नाले का पानी गड्ढे में भर गया, जिसमें डूबने से मजदूरों की मौत हो गई. छह घंटों की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की गोताखोर टीम ने शवों को निकाला.

इस चुनाव में मुसलमानों के लिए क्या है?

आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.

जब मंटो जलियांवाला बाग़ में घंटों बैठकर अंग्रेज़ी हुकूमत के तख़्तापलट के सपने देखा करते थे

जलियांवाला बाग़ नरसंहार ने मंटो को बदल दिया था. मंटो तब सात साल के थे, जब बाग़ का ख़ूनी दृश्य देखा और उसको कहीं अपने भीतर महसूस किया. बचपन की ये कैफ़ियत उनके परिपक्व होने तक भी नहीं निकल पाई. इसके बहुत बाद में जब वे अपने साहित्यिक जीवन की पहली कहानी ‘तमाशा’ लिख रहे थे, तब शायद उसी यातना से गुज़र रहे थे.

बिलक़ीस का क़िस्सा हर हिंदुस्तानी को सुनना और उसके मायने समझना ज़रूरी है

बिलक़ीस बानो को किसने सत्रह सालों तक उसके मताधिकार से वंचित रखा? कौन था गुजरात का मुखिया और किसके हाथ हिंदुस्तान की हुकूमत थी? क्यों सालों-साल बिल्किस अपने कुनबे के साथ भटकती रही पूरे भारत, जगह बदलती हुई, पोशीदा ज़िंदगी बिताती हुई? क्यों वह वहां महफूज़ न थी, जिसे वह अपना वतन कहती है?

सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जस्टिस एसए बोबडे करेंगे

सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न की जांच के लिए गठित इस समिति में जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस एन वी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं.

नागरिक होने का अर्थ केवल ज़िंदा रहना और वोट डालना भर रह गया है

देश में चुनाव हो रहे हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं. लोग बदहाल ज़िंदगियां जी रहे हैं, बीमारी, भूख, अत्याचार, दुर्घटना और हिंसक हमलों में मारे जा रहे हैं. अपमानित किए जा रहे हैं. उनके अधिकार दिन-ब-दिन कमज़ोर किए जा रहे हैं.

बुलंदशहर हिंसा से पहले बजरंग दल संयोजक और आरोपियों के बीच हुई थी फोन पर बात: विशेष जांच दल

एसआईटी द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा के मुख्य आरोपी सचिन ने तीन दिसंबर की सुबह बजरंग दल के संयोजक योगेश को महाव में हुई कथित गोहत्या की जानकारी दी, जिसके बाद योगेश ने उसे गो अवशेष और अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर एकत्र होने को कहा.

चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने लगाए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप

सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को भेजे गए हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट ने आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने घर पर बने ऑफिस में उसके साथ बदसलूकी की थी, जिसका विरोध करने के बाद उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल का आरोपों से इनकार.

नोटबंदी के बाद से देश में 50 लाख लोगों की नौकरियां गईंः रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी खोने वाले इन 50 लाख लोगों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम शिक्षित पुरुषों की संख्या अधिक है. पुरूषों की तुलना में महिला इससे अधिक प्रभावित हैं.

बिहारः जेल में महिला कैदियों के यौन शोषण के आरोप के बाद जांच समिति का गठन

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के केंद्रीय कारावास में सज़ा काट चुकी एक महिला ने बीते दिनों प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जेल में महिला बंदियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है और ऐसा न करने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती है.

नमाज़ के लिए मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस

पुणे के एक दंपति द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में महिलाओं को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त देने और उनके प्रवेश पर पाबंदी को ग़ैर-क़ानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है.

सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूलों को बहुत ही प्रायोजित तरीके से निशाना बनाया गया है. प्राइवेट स्कूलों की समर्थक लॉबी की तरफ से बहुत ही आक्रामक ढंग से इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकारी स्कूलों से बेहतर निजी स्कूल होते हैं और सरकारी स्कूलों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

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