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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड के 159 प्रखंडों में एक सरकारी योजना के तहत 55 फीसदी लाभार्थियों को पूरक पोषक आहार न मिलने की रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजे नोटिस में कहा कि यदि मीडिया की ख़बर में मौजूद तथ्य सही हैं तो यह भोजन के अधिकार के हनन का एक गंभीर मुद्दा है.
बेंगलुरू के एक स्थानीय वकील शिशिर रुद्रप्पा ने बेंगलुरू हवाईअड्डे के पास लगे उत्तर प्रदेश सरकार के एक होर्डिंग की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी, जिसमें राज्य देश में नंबर होने और चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही गई थी.
साल के अंत तक सभी भारतीय वयस्कों को पूरी तरह से कोविड टीका लगाने की केंद्र की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर दिन कम से कम अस्सी लाख खुराक दी जानी है. हालांकि, खुराक की कमी के कारण कई राज्यों को टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है.
बीते 11 जुलाई को प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कार पर कथित तौर पर हमला कर दिया था जिससे उसका शीशा टूट गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता दर्शन पाल ने कहा कि गाड़ी का शीशा टूटने पर राजद्रोह और हत्या के आरोप को कैसे न्यायोचित ठहराया जा सकता है.
भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हाल में सत्तारूढ़ टीएमसी में लौटे वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को बीते नौ जुलाई को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. भाजपा के विधायकों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा कि जो कंपनियां 2021-22 से 2026-27 के दौरान पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को जो पैसा दान स्वरूप देंगी, वे उस पर कर छूट का दावा कर सकती हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा को मंज़ूरी देने के उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फ़ैसले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशासन को नोटिस जारी किया है.
भारत में कोविड-19 के कुल मामले 3.09 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 4,11,408 लोगों ने जान गंवाई है. वहीं, विश्व भर में अब तक 18.77 करोड़ से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 40.48 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी मानवाधिकार वकील सुरेंद्र गाडलिंग और कार्यकर्ता सुरेंद्र धावले द्वारा दायर याचिका के जवाब में बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है. याचिका में केंद्र सरकार के जनवरी 2020 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत महाराष्ट्र की पुणे पुलिस से मामले की जांच एनआईए को स्थानांतरित की गई थी.