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‘अदालती कार्यवाही लाइव-स्ट्रीम हो, ताकि लोगों को पता चले कि क्यों इतने मामले लंबित पड़े हैं’

साल 2018 के एक मामले की सुनवाई के दौरान जब वकील ने स्थगन की मांग की तो सर्वोच्च न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि इसी वजह से अदालत बदनाम होती हैं. वकील तारीख़ पर तारीख़ मांगते हैं और हम पर केस का बोझ बढ़ता जाता है. न्यायालयों में इसलिए मामले लंबित पड़े हैं, क्योंकि मामले में दलीलें नहीं पेश की जाती हैं.

डिजिटल मंच कई बार पूरी तरह अनियंत्रित होते हैं, ध्यान रहे कि ग़लत सूचनाओं को जगह न मिले: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सौहार्द्र समिति की ओर से जारी समन के ख़िलाफ़ फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक अजित मोहन की याचिका ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि दिल्ली फरवरी 2020 जैसे दंगे दोबारा नहीं झेल सकती. फेसबुक ने जहां लोगों को आवाज़ दी है, वहीं हमें इस तथ्य को भी नहीं भूलना चाहिए कि यह विध्वंसकारी संदेशों और विचारधाराओं का मंच भी बन गया है.

पूर्व राजनयिक के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक ट्वीट को लेकर हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता की खिंचाई की

पारदर्शिता कार्यकर्ता और पूर्व पत्रकार साकेत गोखले ने ट्वीट करके पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा कथित तौर पर स्विट्ज़रलैंड में संपत्ति ख़रीदने का हवाला दिया था और उनके पति एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी संदर्भ दिया गया था. इसे लेकर पुरी ने गोखले के ख़िलाफ़ मानहानि याचिका दायर कर क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपये की मांग की है.

नए आईटी नियमों के तहत गठित ब्रॉडकास्टर्स निकाय ने पहली अपील ख़ारिज की

डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ के ट्रेलर के ख़िलाफ़ दायर अपील को ख़ारिज कर दिया है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इस सीरीज़ का उद्देश्य 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ना है.

सरकार ने ग़ैर-समाचार चैनलों के लिए बीसीसीसी को स्व-नियामक के तौर पर पंजीकृत किया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट काउंसिल (बीसीसीसी) को संउसके सदस्य चैनलों के लिए द्वितीय श्रेणी के स्व-नियामक के तौर पर पंजीकृत किया है. यह टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री के ख़िलाफ़ आईं शिकायतों के समयबद्ध निपटान के लिए तीन-स्तरीय वैधानिक तंत्र प्रदान करेगी.

स्टेन स्वामी की अमानवीय मौत का ज़िम्मेदार कौन?

वीडियो: भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में पिछले साल आठ अक्टूबर को गिरफ़्तार किए गए 84 वर्षीय आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का निधन ​पांच जुलाई को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए अस्पताल में हो गया. उनके प्रियजनों ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मौत के लिए पूरी तरह से लापरवाह जेल, उदासीन अदालतें और दुर्भावनापूर्ण जांच एजेंसियां ज़िम्मेदार हैं.

छत्तीसगढ़: जादू-टोना करने के आरोप में आदिवासी महिला को ज़िंदा जलाया, पुलिस ने आत्महत्या बताया

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले की घटना. मृतक महिला के परिवार का आरोप है कि संपत्ति को लेकर उनके दूरस्थ संबंधियों और पड़ोसियों ने 14 जून को उन्हें जिंदा जला दिया था, जिसके बाद 19 जून को उनकी मौत हो गई थी. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि यह पारिवारिक समस्याओं की वजह से की गई आत्महत्या है.

असम सरकार ने गो-संरक्षण संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी, विधानसभा सत्र में पेश होगा

असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.

कोविड-19: बीते एक दिन में संक्रमण के 43,393 नए मामले और 911 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 30,752,950 हो गया और इस महामारी के कारण अब तक 405,939 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 18.50 करोड़ से ज़्यादा हैं और 40.01 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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