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वीडियो: हाल ही में आई किताब ‘द एंगर ऑफ सेंटली मैन’ गुड़गांव में रह रहे एक परिवार के माध्यम से भारतीय पुरुषत्व की पड़ताल करती है. किताब की लेखिका अनुभा यादव से दामिनी यादव की बातचीत.
पिछले दिनों सामने आई मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट में मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराने वाले मीडिया को चुप कराने और सरकार की नकारात्मक छवि सुधारने की रणनीति की बात की गई है. इसमें तीन बार द वायर का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि यह जनता के बीच सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है.
विधानसभा चुनाव राउंडअप: कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने जनता की दीदी होने के बजाय भतीजे की बुआ बनना पसंद किया. वहीं ममता ने कहा कि मोदी मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं. असम में कांग्रेस की 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी. तमिलनाडु कांग्रेस ने कहा कि द्रमुक के साथ सत्ता में भागीदार नहीं बनेंगे.
पुलिस ने बताया कि किसान द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए सुसाइड नोट में उनके द्वारा उठाए गए इस क़दम के लिए तीन कृषि क़ानूनों को जिम्मेदार ठहराया गया है. उन्होंने इसमें यह भी कहा है कि केंद्र को इन क़ानूनों को निरस्त करके उनकी आख़िरी इच्छा पूरी करनी चाहिए.
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में घुटनों पर झुके स्कूली बच्चों को देखकर विचार आता है कि आज वरिष्ठों के सामने सजदे में खड़े होने के लिए मजबूर करने वाला वातावरण उन्हें सवाल करने के लिए तैयार करेगा या सब चीज़ें चुपचाप स्वीकार करने के लिए?
गुजरात में सूरत की एक अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन यह साबित करने के लिए ठोस, विश्वसनीय और संतोषजनक साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहा कि आरोपी सिमी से जुड़े हुए थे और प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एकत्र हुए थे.
कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रमेश जारकिहोली ने एक आपत्तिजनक सीडी बरामद होने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद भाजपा सरकार के छह अन्य मंत्रियों ने अदालत का रुखकर मीडिया को उनके ख़िलाफ़ कोई भी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ‘बेलगाम' सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के नाम पर सरकार मीडिया को मिली संवैधानिक सुरक्षा को छीन नहीं सकती है. गिल्ड ने इस बात को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है कि इन नियमों के तहत सरकार को असीमित शक्तियां दे दी गई हैं.