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भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10,654,533 हो गई है और मृतक संख्या 153,339 है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 9.88 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 21.22 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल के प्रभावित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी है. भारत द्वारा 30 सितंबर, 2020 को बर्ड फ्लू से देश को मुक्त घोषित करने के कुछ महीने बाद यह बीमारी फिर से सामने आई है.
यह अनुमति इस शर्त के साथ मिली है कि किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी के राजपथ पर निकलने वाली आधिकारिक परेड के बाद ही वे ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. परेड में दो लाख से अधिक ट्रैक्टरों के भाग लेने की उम्मीद है.
टीएमसी नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने के बीच ममता बनर्जी अपने प्रतिद्वंदियों से बुरी तरह घिरी नज़र आ रही हैं. भाजपा के आक्रामक हमलों के बीच ममता ने टीएमसी के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. क्या यह दांव उनके राजनीतिक विरोधियों को पस्त कर पाएगा?
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गई है. इस सप्ताह चार बार में वाहन ईंधन के दाम एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. इससे दिल्ली में पेट्रोल 85.70 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 92.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है.
55 वर्षीय महिला स्वास्थ्यकर्मी हरियाणा के गुड़गांव ज़िले के भांगरोला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थीं. उन्हें 16 जनवरी को कोविशील्ड का टीका लगा था. परिजनों का कहना है कि उन्हें संदेह है कि उनकी मौत टीका लगने की वजह से हुई है.
इससे पहले हिंदू दक्षिणपंथी और सिख संगठनों द्वारा ‘हलाल’ शब्द पर आपत्ति के बाद केंद्र सरकार की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा ‘हलाल’ शब्द को ‘रेड मीट मैनुअल’ से हटा दिया था.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि पिछले वर्ष के अंत में ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में जो शुरुआती साक्ष्य मिले हैं, उनसे पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप कहीं अधिक घातक हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि देश में लगाए जा रहे दो तरह के टीके वायरस के सभी स्वरूपों के लिहाज़ से प्रभावी हैं.