कुंभ में गिद्धों को लाशों और सूअरों को गंदगियों की 'सौगातें' किसकी कृपा से मिलीं? वह सरकार, जिसने भगदड़ के शिकार हुए निर्दोष श्रद्धालुओं की लाशों को देखकर भी नहीं देखा, वह क्यों ज़िम्मेदार नहीं है? क्या प्रदेश की सत्ता विपक्ष चला रहा है जो वह सारा ठीकरा उसके सिर पर फोड़कर बच निकलेगी?
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाख़िल करने की प्रक्रिया बीते 15 जून से शुरू हो गई है, जो 29 जून तक चलेगी. फिलहाल भाजपा 18 जुलाई को होने वाले 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के बारे में चुप्पी साधे हुए है. चुनाव नतीजे 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,33,19,396 हो गए हैं और मृतकों का आंकड़ा 5,24,890 पर पहुंच गया है. विश्व में संक्रमण के 53.97 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवाने वालों का आंकड़ा 63.20 लाख से अधिक हो चुका है.
सैन्य बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि अग्निपथ के रंगरूटों को ‘ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, धोबी और नाइयों के कौशल’ के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व ‘अग्निवीर’ को प्राथमिकता देंगे.
केंद्र की मोदी सरकार ने दशकों पुरानी प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ़ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. इस योजना के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं.
अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.
थलसेना, नौसेना और वायुसेना में संविदा आधारित भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सरकार योजना लागू करने के अपने रुख़ पर कायम है. भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. जो युवा आगज़नी और तोड़फोड़ में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पाएंगे.
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