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जज लोया मामला: सुनवाई में वकीलों ने बताईं सरकार की रिपोर्ट में विसंगतियां

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश जांच रिपोर्ट में कई विसंगतियां हैं, जिससे जज लोया की मौत पर संदेह किया जा सकता है.

फैब इंडिया पर ट्रेडमार्क के अवैध उपयोग का आरोप, खादी गामोद्योग ने मांगा 525 करोड़ का हर्जाना

खादी और ग्रामोद्योग उद्योग का फैब इंडिया पर आरोप है कि उसने उसके ट्रेडमार्क ‘चरखा’ का अवैध रूप से इस्तेमाल किया. आयोग को फैब इंडिया द्वारा अपने परिधान खादी ब्रांड से बेचे जाने पर भी आपत्ति है.

राजनीतिक गतिरोध के बीच मालदीव में आपातकाल, पूर्व राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के दो जज गिरफ़्तार

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग की. भारत और चीन ने अपने नागरिकों से मालदीव की यात्रा टालने को कहा है. अमेरिका ने राष्ट्रपति से क़ानून का सम्मान करने की अपील की.

मलयालम कवि को धमकी देने के मामले में छह आरएसएस कार्यकर्ता गिरफ़्तार

मलयालम कवि कुरीपुझा श्रीकुमार कोट्टुक्कल में हुए कार्यक्रम को संबोधित करके लौट रहे थे तभी आरएसएस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उन्हें कार में बैठने से रोका और कथित तौर पर धमकी दी. 15 लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है मामला.

कासगंज हिंसा: भड़काऊ मैसेज फैलाने पर वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन गिरफ़्तार

गणतंत्र दिवस पर कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से ‘नक्षत्र कम्प्यूटर’ नाम के वॉट्सएप ग्रुप में भड़काऊ वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जा रही थीं.

आध्यात्मिक विश्वविद्यालय संचालक के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में ‘नारी को नर्क का द्वार’ बताया

दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की चेतावनी दी. पिछले दिनों दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में महिलाओं को क़ैद कर उनका शोषण करने का मामला सामने आया था.

रामगंगा के किनारे ई-कचरा: एनजीटी ने यूपी सरकार पर लगाया 10 लाख का जुर्माना

एनजीटी ने मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे ई-कचरे के निस्तारण की कार्रवाई में नाकामी को लेकर प्रदेश सरकार के साथ ज़िलाधिकारी पर भी जुर्माना लगाया है.

राजस्थान: फसलों के लिए पानी की मांग को लेकर पेड़ों से उल्टा लटक किसान कर रहे प्रदर्शन

राजस्थान के बूं​दी ज़िले के किसानों का कहना है कि कई बार प्रशासन से नहर का पानी पहुंचाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. फसलों को पानी की ज़रूरत है. अगर पानी नहीं मिला तो वे सूख जाएंगी.

क्या ‘जूठन’ पाठ्यक्रमों से बाहर कर दी जाएगी?

हिमाचल विश्वविद्यालय में ओम प्रकाश वाल्मीकि की ‘जूठन’ बीते 3 सालों से पढ़ाई जा रही थी, तब भावनाएं अचानक कहां से आहत हो गईं? क्या इसका ताल्लुक़ राज्य में हुए हालिया सत्ता परिवर्तन से है?

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