प्रशांत भूषण अवमानना मामला: वकील बोले- जज की उचित तरह से आलोचना अपराध नहीं अधिकार है

प्रशांत भूषण के ट्वीट्स पर अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है. भूषण ने अदालत में अपने बचाव में कहा कि उनके ट्वीट न्यायाधीशों के ख़िलाफ़ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और इससे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं होती है.

अवमानना मामलाः प्रशांत भूषण का माफ़ी से इनकार, कहा- खेद है कि बयान को ग़लत समझा गया

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा 2009 में तहलका मैगज़ीन को दिए साक्षात्कार में सुप्रीम कोर्ट के जजों के ख़िलाफ़ ग़लत टिप्पणी करने का आरोप है, जिसके लिए शीर्ष अदालत ने उन्हें और पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को माफ़ीनामा जारी करने को कहा था

अवमानना नोटिस पर प्रशांत भूषण ने कहा- सीजेआई की आलोचना से शीर्ष अदालत का अपमान नहीं होता

शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के ट्वीट्स को लेकर उन्हें अवमानना का नोटिस जारी किया था. भूषण ने इसके जवाब में दिए हलफनामे में कहा कि सीजेआई को सुप्रीम कोर्ट मान लेना और कोर्ट को सीजेआई मान लेना भारत के सर्वोच्च न्यायालय की संस्था को कमज़ोर करना है.

अदालत की अवमानना अधिनियम के ख़िलाफ़ एन. राम, प्रशांत भूषण और अरुण शौरी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2 (सी) (i) को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होने के साथ अस्पष्ट, व्यक्तिपरक और स्पष्ट तौर पर मनमाना है.

प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही आलोचना का गला दबाने की कोशिश: नागरिक कार्यकर्ता

पूर्व जजों, नौकरशाहों, राजनयिकों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रशांत भूषण लगातार समाज के कमज़ोर वर्गो के अधिकारों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं. उन्होंने अपना जीवन उन सभी को क़ानूनी मदद उपलब्ध कराने में लगा दिया, जो सहजता से न्याय पाने में सक्षम नहीं थे.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ 11 साल पुराने अवमानना मामले पर कार्यवाही शुरू की

साल 2009 में प्रशांत भूषण ने तहलका पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के ख़िलाफ़ ग़लत टिप्पणी की थी. एक कथित अपमानजनक ट्वीट करने के लिए भूषण के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में ही एक और अवमानना कार्रवाई चल रही है.

अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण और ट्विटर को नोटिस जारी किया

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को प्रशांत भूषण को नोटिस जारी करते हुए उनसे इस संबंध में विस्तृत जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी. भूषण के ख़िलाफ़ साल 2009 से लंबित पड़े अवमानना के एक अन्य मामले की सुनवाई के लिए भी 24 जुलाई की तारीख़ तय की गई है.

बिहार: कोर्ट की अवमानना के आरोप में गैंगरेप पीड़िता व दो सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ़्तार

मामला अररिया का है जहां गैंगरेप की एक पीड़िता दो सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने गई थीं. इन सब पर कोर्ट के काम में व्यवधान डालने का आरोप है. कार्यकर्ताओं के सहयोगियों का कहना है कि पीड़िता बस उनकी मौजूदगी में बयान देना चाहती है, जिससे मजिस्ट्रेट नाराज़ हो गए.

सीबीआई से बाहर हुए अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव, फायर सर्विस की मिली ज़िम्मेदारी

पिछले साल अक्टूबर में हुए सीबीआई विवाद के बाद पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया था.

रिलायंस इन्फ्राटेल पर 230 करोड़ का भुगतान न करने का आरोप, एनसीएलएटी ने अनिल अंबानी से मांगा जवाब

एचएसबीसी डेजी कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में रिलायंस ग्रुप की कंपनी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.

एरिक्सन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया

कोर्ट ने अनिल अंबानी को कहा है कि वे चार हफ़्ते के भीतर एरिक्सन इंडिया को 453 करोड़ रुपये चुकाए और ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन महीने की जेल होगी. अंबानी के अलावा कंपनी के दो डायरेक्टरों को भी अवमानना का दोषी पाया गया है. कोर्ट ने प्रत्येक पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

बिहार बालिका गृह: नागेश्वर राव अवमानना के दोषी, कार्यवाही पूरी होने तक कोर्ट में बैठने की सज़ा

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव का बचाव किए जाने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पिछले 20 सालों में मैंने अवमानना के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया और किसी को भी सज़ा नहीं दी. लेकिन यह तो हद है.

अदालत की अवमानना के लिए आईएफएफआई पर मुक़दमा दायर करेंगे: एस दुर्गा के निर्देशक

एस दुर्गा के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने कहा कि अगर कोर्ट के आदेश के बावजूद फिल्म को समारोह में नहीं दिखाया जा रहा, तो यह हमारी नहीं, बल्कि एक देश और व्यवस्था की विफलता है.