कश्मीर में हालात सामान्य होने के अमित शाह के दावे को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने पाखंड बताया

संसद सत्र में फारूक अब्दुल्ला को हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान 30 सांसदों को हिरासत में रखा था. इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि रेड्डी की टिप्पणी इस बात की स्वीकार्यता है कि जम्मू कश्मीर आपातकाल के बुरे दौर से गुजर रहा है.

जम्मू कश्मीर में 4 अगस्त से अब तक 5000 लोग गिरफ्तार: गृहमंत्री अमित शाह

गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.

जम्मू कश्मीर में और कितने दिन लागू रहेगी पाबंदी, साफ-साफ जवाब दें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में नाबालिगों को हिरासत में लेने, संचार माध्यमों पाबंदी लगाने जैसे कई मामलों पर दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है.

संचार व्यवस्था पर प्रतिबंध लागू करने संबंधी आदेश पेश करे जम्मू कश्मीर प्रशासन: सुप्रीम कोर्ट

जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राष्ट्रहित में लिए गए प्रशासनिक फैसलों की अपील पर कोई नहीं बैठ सकता. केवल न्यायालय ही इसे देख सकती है और याचिकाकर्ता इसे नहीं देख सकते.

जम्मू कश्मीर: पर्यटकों का स्वागत, पर प्रेस काउंसिल को मनाही

जम्मू कश्मीर सरकार ने पर्यटकों को राज्य में आने की अनुमति देने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि उनकी फैक्ट-फाइंडिंग टीम 4 नवंबर के बाद ही राज्य में आ सकती है.

कश्मीर में इंटरनेट, मोबाइल सेवा बाधित होने से मुश्किलों का सामना कर रहे पत्रकार

जम्मू कश्मीर में चार अगस्त की शाम से पाबंदियां लागू हैं. परेशान पत्रकारों ने अब मांग की है कि सरकार को कम से कम मीडिया संस्थानों के ब्रॉडबैंड कनेक्शन बहाल करने चाहिए.

राष्ट्रीय हित ध्यान में रखकर जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

कश्मीर टाइम्स अख़बार की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से जम्मू कश्मीर में संचार माध्यमों पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर न्यायालय ने ये टिप्पणी की.

जब पत्रकार सत्ता की भाषा बोलने लगें…

सरकार के हस्तक्षेप या प्रबंधन के दबाव का आरोप लगाना एक कमज़ोर बहाना है- मीडिया पेशेवरों ने स्वयं ही ख़ुद को अपने आदर्शों से दूर कर लिया है. वे बेआवाज़ को आवाज़ देने या सत्ताधारी वर्ग से जवाबदेही की मांग करने वाले के तौर पर अपनी भूमिका नहीं देखते हैं. अगर वे खुद व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे, तो वे व्यवस्था से सवाल कैसे पूछेंगे?

कश्मीर: मीडिया प्रतिबंध का समर्थन करने के प्रेस काउंसिल के कदम की पत्रकार संगठन ने की आलोचना

प्रेस काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय हितों का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन किया था.

जम्मू कश्मीर में पाबंदी पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सरकार के सिर पर बंदूक रखना सही नहीं

सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की राज्य में संचार माध्यमों से पाबंदी हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां केंद्र ने अदालत से कहा कि राज्य में किसी भी प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है.

‘जम्मू कश्मीर की मीडिया को खुद नहीं पता कि राज्य में क्या हो रहा है’

साक्षात्कार: जम्मू कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन से विशाल जायसवाल की बातचीत.

जम्मू कश्मीर: मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध

‘कश्मीर टाइम्स’ की संपादक अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य में मीडिया पर लगी पाबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा है कि घाटी में बंद होने के चलते पत्रकार काम नहीं कर पा रहे हैं.