चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही आर्थिक वृद्धि दर, छह साल में सबसे कम

एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमज़ोर प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रह गई. बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह सात प्रतिशत थी.

5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सवाल ही नहीं है: पूर्व आरबीआई गवर्नर सी. रंगराजन

गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रंगराजन ने कहा कि विकसित देश की परिभाषा ऐसे देश से है जिसकी प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर सालाना हो. अगर हम नौ फीसदी की दर से विकास करे तब भी इसे हासिल करने में 22 साल लगेंगे.

कोई आर्थिक संकट नहीं क्योंकि लोग शादी कर रहे और ट्रेनें भर कर जा रहीं: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा कि लोग आर्थिक संकट का दावा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब कर रहे हैं. हर तीन साल में अर्थव्यवस्था में मांग में गिरावट होती है. यह एक चक्र है. इसके बाद अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर आ जाती है.

ग्रामीण मांग में कमी के कारण 40 साल में पहली बार उपभोक्ताओं की खर्च सीमा घटी: रिपोर्ट

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की एक लीक रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भारतीय द्वारा एक महीने में खर्च की जाने वाली औसत राशि साल 2017-18 में 3.7 फीसदी कम होकर 1446 रुपये रह गई है, जो कि साल 2011-12 में 1501 रुपये थी.

सितंबर महीने में 4.3 फीसदी की कम हो गया औद्योगिक उत्पादन, आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर महीने में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 20.7 प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.9 प्रतिशत, बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.6 प्रतिशत घट गया.

सितंबर में प्रमुख क्षेत्रों के उत्पादन में 5.2 फीसदी की गिरावट

कोयला उत्पादन में 20.5 फीसदी, कच्चे तेल में 5.4 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 4.9 फीसदी तक की कमी आई. विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़ें आर्थिक मंदी की गंभीरता के संकेत हैं.

अर्थव्यवस्था की समस्या दूर करने से पहले उसकी जानकारी होनी ज़रूरी है: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि निर्मला सीतारमण के बयानों को देखा जाए तो पता चलता है कि भाजपा सरकार लोक आधारित नीतियों को अपनाने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पर विपक्ष के सिर दोष मढ़ने का जुनून सवार है, इसलिए वह उस समस्या का हल नहीं ढूंढ पा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था की हालत सुधर सके.

एक साल में देश में 9.62 फीसदी बढ़ गई अमीरों की संपत्ति: रिपोर्ट

कार्वी वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इन अमीरों के पास 2017 में 392 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जो कि 2018 में 430 लाख करोड़ रुपये हो गई.

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा, डगमगाती स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत में एक बहस चल रही है कि कौन सा आंकड़ा सही है और सरकार का खासतौर से यह मानना है कि वो सभी आंकड़े गलत हैं, जो असुविधाजनक हैं.

एक दिन में तीन फिल्मों की 120 करोड़ की कमाई अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत: रविशंकर प्रसाद

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपने बयान की आलोचना होने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुझे दुख है कि मेरे बयान के एक हिस्से को संदर्भों से काटकर दिखाया गया. एक संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते मैं अपना बयान वापस लेता हूं.

अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 1.1 प्रतिशत घटा, सात साल का सबसे ख़राब प्रदर्शन

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.2 प्रतिशत घट गया. बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत नीचे आया. टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन भी 9.1 प्रतिशत घट गया.

कुछ ख़ामियां होंगी लेकिन आलोचना न करें, जीएसटी अब देश का क़ानून है: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स प्रोफेशनल्स जीएसटी को कोसना छोड़कर बेहतर बनाने के बारे में सुझाव दें.

विश्व आर्थिक मंच की प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में 10 स्थान फिसला भारत

विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा, जबकि चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही. वहीं, स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे ख़राब रहा.

वित्त आयोग ने जीएसटी परिषद को एक या दो दरें रखने का सुझाव दिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की 37वीं बैठक में 15वं वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने परिषद को जीएसटी के तहत चार से अधिक दरें रखे जाने के बजाय एक या ज्यादा से ज्यादा दो दरें रखने पर विचार करने का सुझाव दिया.

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