अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र शरजील उस्मानी के परिजनों ने कहा कि आज़मगढ़ में उनके घर से उन्हें गिरफ़्तार किया गया. पुलिस ने इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की, लेकिन एएसपी (क्राइम) ने एक अख़बार को बताया कि ये गिरफ़्तारी लखनऊ एटीएस ने पिछले साल दिसंबर में दर्ज हुए एक मामले में की है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की घटना. परिवार का आरोप है अस्पताल द्वारा मरीज़ से मिलने के नाम पर 4000 रुपये अतिरिक्त मांगा जा रहा था, जिसे लेकर विवाद शुरू हुआ है. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
अलीगढ़ स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर अस्पताल प्रशासन ने कोरोना आइसोलेशन वार्ड में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग न मानी तो वे भूख हड़ताल करेंगे.
सब्ज़ी विक्रेता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए उनकी पिटाई की थी. पुलिस ने बताया कि मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगी. उन्होंने परिजनों से पुलिस ज़्यादती का सबूत देने को कहा है.
साल 2019 में हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक पांडेय को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके पुतले को गोली मारने के लिए अलीगढ़ पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलीगढ़ के संवेदनशील अब्दुल करीम चौराहा पर स्थित हलवाइयां मस्जिद को शामियाना और तिरपाल से ढक दिया है, ताकि होली के दौरान मस्जिद पर कोई रंग ना फेंक दे.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया. पिछले महीने हाईकोर्ट ने पुलिस हिंसा के आरोपों की जांच के लिए एनएचआरसी को निर्देश दिया था और कहा था कि पांच हफ्ते में वे जांच पूरी करें.
अलीगढ़ के अपर कोट क्षेत्र में रविवार को महिलाओं को पुलिस द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की अनुमति न देने की बात कहकर रोकने के कोशिश की गई जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. हिंसा के बाद क्षेत्र में सोमवार आधी रात तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
नागरिकता संशोधन कानून और नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ बीते 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर छात्र समन्वय समिति ने यूनिवर्सिटी के प्रमुख अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने डॉ. कफील खान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति अभद्र टिप्पणी करने, छात्रों को केंद्र सरकार के नागरिकता कानून के खिलाफ लड़ने के लिए और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयास का आरोप लगाया है.
अलीगढ़ पुलिस का आरोप है कि बीते 20 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भीतर नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर ढाल के रूप में नाबालिगों को आगे किया गया था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि अभी नाबालिग बच्चों की पहचान की जानी बाकी है और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता संदीप पांडेय द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए एक भाषण के संबंध में हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष ने केस दर्ज कराया है.
बीते 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता क़ानून और नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के ख़िलाफ़ हो रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें 100 लोग घायल हुए थे.
जेएनयू में विद्यार्थियों पर हुए हमले के बाद एकजुटता प्रकट करने के लिए विश्वविद्यालय पहुंची अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक के बहिष्कार की मांग की जाने लगी, जिसमें वे तेजाब पीड़िता का किरदार अदा कर रही हैं. इस मामले में भाजपा के कुछ नेताओं ने भी जेएनयू जाने पर अभिनेत्री की आलोचना की थी.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में फिल्म छपाक के विरोध में लगाए गए पोस्टर में सबसे ऊपर बड़े-बडे़ अक्षरों में ‘चेतावनी’ लिखा था. इन पोस्टरों में कहा गया है कि जो भी सिनेमाघर फिल्म को दिखाने की कोशिश करेंगे, उन्हें अपना बीमा कराना पडे़गा.