ठाकुर बनाम दलित के झगड़े में जमकर उपद्रव हुआ. 15 दिन के भीतर जुलूस को लेकर उपद्रव की यह दूसरी घटना है.
बाबा साहब के नाम पर बहुत सारे आयोजन और कर्मकांड हो रहे हैं. लेकिन उनके विचार, उनके लेखन और उनकी रचनाओं को लोगों के बीच पहुंचाने की कोशिश सिरे से गायब है.
आंबेडकर पर हुए एक सेमिनार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जातिवादी मानसिकता पर सवाल उठाते हुए लोगों से सोच बदलने की अपील की.
गुज़रते वक़्त के साथ भले ही कंपनियों के भीतर ‘स्त्रीवाद’ के प्रति जागरूकता बढ़ती नज़र आ रही है, लेकिन कुल मिलाकर कॉरपोरेट सेक्टर जाति की हक़ीक़त और कार्यस्थल पर पड़ने वाले इसके प्रभावों से मुंह चुराता दिखता है.