मध्य प्रदेश: सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ आए आदिवासी बोले, सरकार के कागज़ों के मकड़जाल में नहीं फंसेंगे

बीते दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल में नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में इकठ्ठा हुए आदिवासियों ने कहा कि जिस जंगल में उनके पुरखों के अंश गड़े है, वे उस जगह पर अपने हक़ का इससे बड़ा और क्या सबूत दे सकते हैं.

झारखंड में हुई हालिया हत्याओं को पत्थलगड़ी आंदोलन से जोड़ना कितना सही है?

बीते जनवरी में राज्य में हुई सात लोगों की हत्या को पुलिस और सीआरपीएफ ने पत्थलगड़ी से जुड़ा बताया था, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह एक नए पंथ सती पति से जुड़े लोगों द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ न लेने, आदिवासी परंपराओं को न मानने देने, कागज़ात जमा करने के विरोध में हुए मतभेदों का नतीजा है.

सीएबी, एनआरसी की खींचतान के बीच व्यवस्था से प्रताड़ित लोगों की चिंता किसे है?

राज्य सरकारों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि लोगों को बाहर जाकर रोजी क्यों तलाशनी पड़ती है? लोग अपने परिवार के साथ अपने इलाके में गरिमामय जीवन और शांति का माहौल चाहते हैं. राज्य सरकारें उनके राज्यों में रहने-जीने की सही व्यवस्था और अपराधमुक्त माहौल क्यों नहीं मुहैया करा पातीं?

छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा के ज़रिये गोंडी भाषा को सहेजने का प्रयास

आदिवासी बहुल इलाकों में वृहद रूप से बोली जाने वाली गोंडी भाषा का कोई लिखित साहित्य न होने के चलते यह अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के दो स्कूलों में इस भाषा में प्राथमिक शिक्षा देकर इसे सहेजने की कोशिश की जा रही है.

छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा के एक गांव में पुलिस कैंप लगाने के ख़िलाफ़ उतरे ग्रामीण

दंतेवाड़ा ज़िले के पोटाली गांव में खोले जा रहे नए पुलिस कैंप को लेकर नाराज़ स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इससे गांव वालों को फ़र्ज़ी मामलों में फंसाने के प्रकरण बढ़ेंगे. वहीं पुलिस के अनुसार ग्रामीण नक्सली दबाव में कैंप का विरोध कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़: कॉरपोरेट से जंगल और ज़मीन बचाने के लिए आदिवासियों की जद्दोजहद

बीते 14 अक्टूबर से राज्य के सरगुजा, सूरजपुर और कोरबा ज़िले के बीस से ज़्यादा गांवों के आदिवासी हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान खोले जाने के ख़िलाफ़ धरना दे रहे हैं. उनका आरोप है कि कोल ब्लॉक के लिए पेसा क़ानून और पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों की अनदेखी की गई है.

झारखंड: रांची का एक आदिवासी टोला, जहां राज्य बनने के 19 साल बाद भी ‘विकास’ नहीं पहुंचा

झारखंड राज्य के निर्माण को 19 साल हो गए हैं. रांची नगर निगम के वार्ड 50 में आने वाले नदी दीपा टोला के लोग एक अदद पुल के निर्माण के लिए पिछले कई सालों से सरकार से गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास स्थित हमारे पुरखों की ज़मीन छीन रही है सरकार: आदिवासी

गुजरात के आदिवासी कल्याण मंत्री गणपत वसावा ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि कुछ नेता और एनजीओ आदिवासियों का इस्तेमाल करते हुए अपनी राजनीति कर रहे हैं और नर्मदा परियोजना को बदनाम कर रहे हैं.

अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों की काट के लिए गुजरात के ‘खाम’ को दोहराना होगा

गुजरात का विकास मॉडल एक भ्रम था. गुजरात दंगों के बाद मुस्लिम को अलग-थलग करने का जो प्रयोग शुरू हुआ, मोदी-शाह उसी के सहारे केंद्र में सत्ता में आए. आज यही गुजरात मॉडल सारे देश में अपनाया जा रहा है. 370 का मुद्दा उसी प्रयोग की अगली कड़ी है, जिसे मोदी शाह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में भुनाने जा रहे हैं.

हिंदी बनाम अन्य भाषाओं की लड़ाई में क्या हम प्रतिभाओं का गला घोंट रहे हैं?

जिस देश में यह कहावत हो कि ‘कोस-कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी’, वहां हिंदी बनाम तमिल या अन्य प्रांतीय भाषाओं का विवाद ही ग़लत है.

रोहित वेमुला, पायल तड़वी की माताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा

2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.

फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के ख़िलाफ़ केस दर्ज

अजीत जोगी को गुरुवार देर रात सांस लेने में तकलीफ के बाद नई दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अजीत जोगी ख़ुद को कंवर आदिवासी समुदाय का बताते रहे हैं. पिछले महीने उनके इस दावे को एक उच्चस्तरीय समिति ने ख़ारिज कर दिया था.

संस्थानों में जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ अदालत पहुंचीं रोहित वेमुला-पायल तड़वी की मांएं

कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.

छत्तीसगढ़: उच्च स्तरीय समिति का फैसला, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी नहीं हैं आदिवासी

छत्तीसगढ़ सरकार की समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया है. जोगी ने इस आदेश को न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है.

मध्य प्रदेश: क्या कांग्रेस के लिए उसका ‘वचन-पत्र’ अब गले की हड्डी बन गया है?

एक ओर कमलनाथ सरकार विधानसभा चुनावों से पहले जारी किए अपने ‘वचन-पत्र’ को ही सरकार चलाने का रोडमैप और वचनों के पूरे होने के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर उन वचनों से सरोकार रखने वाले वर्ग अब सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने लगे हैं.

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