वित्त वर्ष 2018-19 में 71,500 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए: आरबीआई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत बताया है कि पिछले 11 वित्त वर्षों में 2.05 लाख करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए ​हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय के पास पूर्व प्रधानमंत्रियों के आयकर रिफंड का कोई रिकॉर्ड नहीं: आरटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयकर रिफंड की सूचना मांगने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत इसकी जानकारी देने की ज़रूरत नहीं है.

केंद्र सरकार पर एयर इंडिया का तक़रीबन 600 करोड़ रुपये बकाया: आरटीआई

आर्थिक संकट से जूझ रही एयर इंडिया की कुल बकाया राशि का करीब 50 फीसदी हिस्सा यानी कि 297.08 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री कार्यालय पर बकाया है. रक्षा मंत्रालय पर 212.19 करोड़ रुपये और विदेश मंत्रालय पर 66.94 करोड़ रुपये बकाया है.

रक्षा और विदेश मंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने सरकारी बंगलों के बकाया का भुगतान नहीं किया: आरटीआई

एक आरटीआई के जवाब में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि विजय गोयल, प्रकाश जावड़ेकर, निर्मला सीतारमण और सुषमा स्वराज समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने अपने सरकारी बंगलों के फरवरी तक के बकाया का भुगतान नहीं किया है.

पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए मोदी, लेकिन किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

जब एक पत्रकार ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘हम तो डिसिप्लिन्ड सोल्जर हैं. पार्टी अध्यक्ष हमारे लिए सब कुछ होते हैं.’ शाह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री को सवालों का जवाब देने की ज़रूरत नहीं है.

गोपनीयता का हवाला देकर स्विट्ज़रलैंड से मिले कालेधन की सूचना साझा करने से केंद्र का इनकार

आरटीआई के तहत स्विट्ज़रलैंड से कालाधन मामलों में मिली सूचना के बारे में ब्योरा मांगा गया था जिसमें कंपनियों तथा लोगों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी.

गोहत्या के शक में मारे गए लोगों की जानकारी आरटीआई नियमों के तहत दे गृह मंत्रालय: सीआईसी

समीर ख़ान नाम के एक व्यक्ति ने गृह मंत्रालय से गोहत्या के शक में मारे गए और घायल हुए लोगों के नाम और सरकारों द्वारा उनके परिवारों को दिये गए मुआवज़े का राज्यवार आंकड़ा मांगा था.

वकील इंदिरा जयसिंह और लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी चंदा लेने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर ने कहा कि सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता के पक्ष में बोलने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

नोटबंदी के दौरान लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के पैसे का क्या हुआ, सरकार को नहीं पता

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत व्यक्ति को अघोषित आय का 30 फीसदी की दर से कर, कर के राशि का 33 फीसदी सरचार्ज और अघोषित आय का 10 फीसदी जुर्माने के तौर पर देना था. इस योजना को दिसंबर 2016 से 10 मई 2017 तक के लिए लाया गया था.

मोदी सरकार ने किशोरी शक्ति योजना की बंद, लड़कियों के सशक्तिकरण के 33 फीसदी प्रोजेक्ट कम हुए

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: किशोर लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए लॉन्च की गई किशोरी शक्ति योजना को मोदी सरकार ने एक अप्रैल 2018 को बंद कर दिया. अब इस दिशा में सबला योजना चलाई जा रही है लेकिन इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या छह गुना कम हो गई.

बीते पांच साल में मंत्रियों के बंगलों और कार्यालयों के नवीनीकरण पर 100 करोड़ रुपये ख़र्च

एक आरटीआई के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार बीते पांच साल में मंत्रियों के बंगलों और कार्यालयों के रेनोवेशन पर 93.69 करोड़ रुपये, जबकि सजावट पर 8.11 करोड़ रुपये ख़र्च हुए.

विलफुल डिफॉल्टर और बैंकों के निरीक्षण से जुड़ीं सूचनाएं उपलब्ध कराए आरबीआई: सुप्रीम कोर्ट

जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट न देने पर आरबीआई को अवमानना नोटिस जारी किया था, हालांकि शुक्रवार को अदालत ने अवमानना की कार्यवाही से इनकार करते हुए कहा कि वह उसे आरटीआई क़ानूनों के प्रावधानों का पालन करने का आख़िरी मौक़ा दे रही है.

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम: 20 लाख युवाओं को करना था रोज़गार के लिए तैयार, हुए सिर्फ 2.90 लाख

मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: 2016 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य रोज़गार के अवसर पैदा करना और युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोज़गार देना था. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 31 मार्च 2018 तक 20 लाख प्रशिक्षुओं को तैयार करने का लक्ष्य था, जिसमें से केवल 2.90 लाख प्रशिक्षु तैयार हुए. इनमें से भी महज़ 17, 493 को इस योजना का लाभ मिला.

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