22 दिसंबर को शाहजहांपुर में अख़बार में रखकर पत्रिका बांटी गयी, जिसमें एक कथित मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ.
सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई के ख़िलाफ़ बलात्कार और ग़ैरक़ानूनी तरीके से बंधक बनाने सहित कई आरोप लगाए थे.