हनुमान की नई छवि के मायने

हनुमान की यह छवि रचने वाले कलाकार करण आचार्य का कहना है कि उनके हनुमान शक्तिशाली हैं न कि दमनकारी. लेकिन जो इसे गर्व के साथ जोड़कर देख रहे हैं, वे शायद बिल्कुल ऐसा नहीं सोचते.

मीडिया बोल, एपिसोड 49: प्रधानमंत्री का इतिहास ज्ञान, जनतंत्र और मीडिया

मीडिया बोल की 49वीं कड़ी में उर्मिलेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाषणों में ग़लत ऐतिहासिक तथ्यों के इस्तेमाल और मीडिया की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद से चर्चा कर रहे हैं.

सहेला रे: कित गए वे लोग

कहते हैं कि इतिहास में नामों और तारीख़ों के अलावा कुछ सच नहीं होता जबकि कथा साहित्य में नामों और तारीख़ों के अलावा सब कुछ सच होता है. मृणाल पांडे के नए उपन्यास सहेला रे में तारीखें भी सच के क़रीब हैं, साथ ही किरदार भी सच्चाई के इतने नज़दीक हैं कि जानने वालों को उस ज़माने की न जाने कितनी वास्तविक छवियां यहां दिखाई देंगी.

गोबिंदगढ़ क़िला: बाज़ार के हाथों में इतिहास का ज़िम्मा

अमृतसर के गोबिंदगढ़ क़िले में इतिहास की निशानियां सुरक्षित रहनी चाहिए, लेकिन पुरातात्विक विभाग को इमारत का ज़िम्मा देने के बजाय पंजाब सरकार ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपा साही को इसे वर्चुअल रियलिटी थीम पार्क में बदलने की ज़िम्मेदारी सौंपी है.

अन्य संस्कृतियों के प्रति अज्ञानता कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देती है: नोबेल पुरस्कार विजेता

भारत आए नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डेविड जोनाथन ग्रॉस ने कहा कि कट्टर राष्ट्रवाद के माहौल में ज्ञान की ज्योति जलाने की ज़िम्मेदारी युवाओं पर है.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को याद करने वाले किस आधार पर ‘देशद्रोही’ सिद्ध किए जा रहे हैं?

जो लोग भीमा-कोरेगांव युद्ध की याद में आयोजित समारोह के आयोजकों को राष्ट्रद्रोही सिद्ध कर रहे हैं वो यह क्यों छुपा ले जाते हैं कि न जाने कितनी बार मराठों ने भी अंग्रेज़ों के साथ मिलकर अन्य राज्यों के ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी हैं.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को सिर्फ़ जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए

जब आंबेडकर ने भीमा कोरेगांव युद्ध को पेशवाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महारों के संघर्ष के रूप में पेश किया, तब वे असल में एक मिथक रच रहे थे.

इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना अलग तरीके का आतंक है: इतिहासकार

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इतिहासकार केएम श्रीमाली ने आरोप लगाया कि संघ और भाजपा धार्मिक आधारों पर देश को बांटने के लिए प्रतिबद्ध है.

‘आप इतिहास नहीं बदल सकते, तथ्यों को सृजित करेंगे तो वह इतिहास नहीं कल्पना होगी’

इतिहासकार इरफान हबीब की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्षी दल, भाजपा एवं संघ पर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाने के लिए भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं.

इतिहासकारों का राजनीतिक विचारधारा या धर्म के प्रति झुकाव नहीं होना चाहिए: गुहा

इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, इतिहास सामाजिक विज्ञान और साहित्य का मिश्रण है और वह कभी एक आयामी नहीं हो सकता.

हिंदू वोट बैंक बचाए रखने की ख़ातिर नये-नये दुश्मन गढ़ना ज़रूरी है

विदेशी दुश्मनों को ज़रूरत से ज़्यादा निचोड़ लिया गया है. अब नये दुश्मन की ज़रूरत है. अब घर में तलाश की जा रही है. इसके लिए इतिहास को काम पर लगाया गया है.

‘एक फिल्म ने ऐसे बादशाह की छवि बिगाड़ दी जिसने मंगोलों से हिंदुस्तान की हिफ़ाज़त की थी’

'इतिहास के ज्ञान के नाम पर जहालत इतनी है कि फिल्मों को ही इतिहास मान लिया जाता है. हमें यह समझना होगा कि फिल्म इतिहास नहीं है.'