उत्तर प्रदेशः धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत नाबालिग के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले का मामला. आरोपी नाबालिग को गिरफ़्तार करने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे संरक्षण गृह भेज दिया गया है. उसके ख़िलाफ़ साज़िश रचने, अपहरण और शादी के लिए दबाव डालने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.

कोर्ट की हिदायत, धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश की आड़ में विवाहित युवक-युवती को परेशान न करे पुलिस

तीन साल पहले अंतर धार्मिक विवाह करने वाले युवक-युवती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लागू किए जाने के बाद से अमेठी पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है.

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन निजता के अधिकार का उल्लंघन: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए 30 दिन पहले नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन कराना स्वतंत्रता और निजता के मूल अधिकार का उल्लंघन है. अब से नोटिस का प्रकाशन विवाह के इच्छुक पक्षों के लिए वैकल्पिक होगा.

धर्मांतरण के आरोप में केस दर्ज होने के एक महीने बाद यूपी सरकार ने कहा, नहीं मिले सबूत

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान एक हलफ़नामा दाख़िल कर यूपी सरकार की ओर से अदालत को ये जानकारी दी गई. उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू होने के एक दिन बाद बीते साल 29 नवंबर को मुजफ़्फ़रनगर में दो मुस्लिम दिहाड़ी मज़दूरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था.

वकील के ज़रिये प्रतिनिधित्व कराने का अधिकार क़ानूनी प्रक्रिया का हिस्सा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी 1987 में एक शख़्स की हत्या के लिए उम्रक़ैद की सजा पाए व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह देखते हुए भी मामले की सुनवाई की कि व्यक्ति का प्रतिनिधित्व कोई वकील नहीं कर रहा था और निचली अदालत के नज़रिये की पुष्टि कर दी. हाईकोर्ट ने सज़ा के ख़िलाफ़ उसकी अपील ख़ारिज कर दी थी.

योगी पर ट्वीट के चलते दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज, कोर्ट ने कहा- प्रतिरोध लोकतंत्र की विशेषता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रतिरोध के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सुरक्षा प्रदान की गई है और सरकार के क़ानून व्यवस्था की आलोचना करना कोई अपराध नहीं है.

हाथरस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की, चारों आरोपियों पर गैंगरेप व हत्या के आरोप

उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.

डॉ. कफ़ील की रिहाई के फ़ैसले में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- अच्छा फ़ैसला था

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए डॉ. कफ़ील ख़ान की हिरासत रद्द कर उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसे सीजेआई एसए बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ द्वारा ख़ारिज कर दिया गया.

हिरासत आदेश खारिज कर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, एनएसए का सावधानी से प्रयोग करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनएसए से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जहां क़ानून ने सत्ता को अत्यधिक शक्ति प्रदान की है कि वे किसी भी व्यक्ति को सामान्य क़ानून के तहत मिले संरक्षण और कोर्ट के ट्रायल के बिना गिरफ़्तार कर सकते हैं, ऐसे क़ानून को इस्तेमाल करते वक़्त बेहद सावधानी बरती जानी चाहिए.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने से हत्या के प्रयास का केस कानून का दुरुपयोगः हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश के मऊ निवासी युवक पर मार्च महीने में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी जान-बूझकर स्थानीय प्रशासन को नहीं देने और दिल्ली से घर लौटने पर स्वेच्छा से क्वारंटीन नहीं होने का आरोप था.

परिवारों के हस्तक्षेप के बिना दो वयस्क साथ-साथ रह सकते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ़र्रुख़ाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिव-इन में रह रहे एक युवक-युवती को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, जो अपने पारिवारिक सदस्यों की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं.

अपनी पसंद से विवाह करना हर वयस्क का मौलिक अधिकारः कर्नाटक हाईकोर्ट

इससे पहले बीते 11 नवंबर के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फ़ैसले में कहा था कि अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीने का अधिकार जीवन एवं व्यक्तिगत आज़ादी के मौलिक अधिकार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि इसमें धर्म आड़े नहीं आना सकता है.

अपनी पसंद का साथी चुनना मौलिक अधिकार, धर्म इसमें आड़े नहीं आ सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि हम ये समझने में असमर्थ हैं कि जब क़ानून दो व्यक्तियों, चाहे वो समलैंगिक ही क्यों न हों, को साथ रहने की अनुमति देता है, तो फिर न तो कोई व्यक्ति, न ही परिवार और न ही सरकार को दो लोगों के संबंधों पर आपत्ति होनी चाहिए, जो अपनी इच्छा से साथ रह रहे हैं.

हाथरस का पीड़ित परिवार सुरक्षित नहीं, अफ़सरों पर चले मुक़दमा: नागरिक अधिकार संस्था

नागरिक अधिकार संस्था ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्‍या के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है. संस्था का कहना है परिवार नज़रबंद जैसी स्थितियों में रह रहा है. सीबीआई को मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए.

राज्यों की सहमति के बिना सीबीआई का अधिकारक्षेत्र नहीं बढ़ा सकती केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के महीनों में विपक्ष शासित आठ राज्य सरकारों द्वारा उनके राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई ‘आम सहमति’ वापस ली गई है.

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