महाराष्ट्र के गृह मंत्री दीपक केसरकर ने कहा था कि राज्य सरकार ने संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है.
महाराष्ट्र के पांच शहरों मुंबई, पुणे, सोलापुर, सतारा और नालासोपारा में धमाके की योजना का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में सनातन संस्था, हिंदू जनजागृति समिति, हिंदू गोवंश रक्षा समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्तान जैसे संगठनों के नाम आए हैं.
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 10 अगस्त को महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के नालासोपारा इलाक़े में एक घर से आठ देसी बम बरामद किए थे. इस मामले में वैभव राउत को गिरफ़्तार किया था.
महाराष्ट्र एटीएस ने एक छापेमारी में दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था के एक कथित समर्थक के घर से विस्फोटक बरामद किए. हालांकि, संस्था ने व्यक्ति को अपना सदस्य मानने से इनकार किया है लेकिन क़ानूनी लड़ाई में उसकी मदद करने को भी कहा है.
मामले में अब तक पेश हुए 53 गवाहों में से 35 अपने बयान से पलट चुके हैं.
हाई-प्रोफाइल आरोपियों की रिहाई, ज़मानत और गवाहों पर दबाव होने जैसे कई सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एम थिप्से ने इस मामले को न्यायतंत्र की असफलता कहा है.
मामले में अब तक 30 गवाह बयान से मुकरे. नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि गवाहों को सुरक्षा देना सीबीआई का दायित्व. मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती.
कई पुलिसकर्मियों ने अपने उन पुराने सहकर्मी, जो इस मामले में आरोपी हैं, को पहचानने से इनकार कर दिया है.
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मालेगांव बम धमाके के अन्य मुख्य आरोपियों को उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत जमानत दे चुका है.
दोनों पर बम धमाकों की साजिश के लिए हुई बैठकों में शामिल होने का आरोप है.
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी लेकिन सह आरोपी और पूर्व कर्नल प्रसाद पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार कर दिया.
साल 2007 में हुए अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने साध्वी प्रज्ञा और संघ के नेता इंद्रेश कुमार को क्लीनचिट दे दी है.
जयपुर की विशेष अदालत ने अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सात आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया जबकि तीन अभियुक्तों को मामले में दोषी पाया गया है.