इस दौर की ख़ूबसूरत सच्चाई यह है कि बेरोज़गार रोज़गार नहीं मांग रहा है. वो इतिहास का हिसाब कर रहा है. उसे नौकरी नहीं, झूठा इतिहास चाहिए!
उपसभापति के लिए हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को 125 मत मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 मत मिले.
भारतीय युवा परमानेंट रोज़गार की तैयारी में जवानी के पांच-पांच साल हवन कर रहे हैं. उनसे यह बात क्यों नहीं कही जा रही है कि रोज़गार का चेहरा बदल गया है. अब अस्थायी काम ही रोज़गार का नया चेहरा होगा.
जस्टिस एके गोयल बीते 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. सरकार ने उसी दिन उन्हें एनजीटी का अध्यक्ष बना दिया था. गोयल ने ही एससी/एसटी क़ानून में संशोधन का फैसला सुनाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘नई अर्थव्यवस्था में पैदा होने वाली नौकरियों के हिसाब से नौकरियों को गिनने का हमारा तरीका पुराना है.’
नीतीश कुमार के लालू प्रसाद यादव को फोन करने के बाद महागठबंधन में उनकी वापसी की अटकलों को ख़ारिज करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मान भी लें कि हम फिर गठबंधन के लिए राज़ी होते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे कुछ समय बाद हमें धोखा नहीं देंगे.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 13 फैकल्टी सदस्यों के पात्र नहीं होने के बावजूद उन्हें नियुक्त किया गया, जिसमें प्रिंसिपल ओम प्रकाश शुक्ला भी शामिल हैं. सीबीआई ने यूपीएससी और रक्षा मंत्रालय के संगठन आईडीएस के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया.
हम भी भारत की 37वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट हो रहे विपक्ष पर राजनीतिक विश्लेषक नीरजा चौधरी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की प्रोफेसर सुषमा यादव से चर्चा कर रही हैं.
मोदी सरकार ने 2014 में चार नए एम्स, 2015 में 7 नए एम्स और 2017 में दो एम्स का ऐलान करते हुए 148 अरब रुपये का प्रावधान किया गया था मगर अब तक 4 अरब रुपये ही दिए गए हैं. आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस रफ़्तार से काम हो रहा होगा.
अगर आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्विटर टाइमलाइन देखेंगे, तो आपको पता नहीं लगेगा कि देश में क्या चल रहा है.
आंकड़ों पर ग़ौर करें तो भाजपा समर्थकों का यह दावा पूरी तरह से सही नहीं दिखता है. देश की कुल 4,139 विधानसभा सीटों में से सिर्फ़ 1,516 सीटें यानी करीब 37 फीसदी ही भाजपा के पास हैं और सिर्फ़ दस राज्यों में भाजपा की बहुमत वाली सरकार है.
जन गण मन की बात की 225वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा नेताओं के उपवास और सदन में बजट सत्र के दौरान हुए हंगामे पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 218वीं कड़ी में विनोद दुआ सीबीएसई और एसएससी पेपर लीक मामले और मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 215वीं कड़ी में विनोद दुआ फेसबुक से जुड़े डेटा चोरी विवाद और लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अन्ना हज़ारे द्वारा फिर से आंदोलन शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 214वीं कड़ी में विनोद दुआ इराक़ में मारे गए 39 भारतीयों को लेकर केंद्र सरकार के खुलासे पर चर्चा कर रहे हैं.