गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल मध्य प्रदेश के दमोह में एक युवक के बीमार मां के लिए ऑक्सीजन की मांग करने पर उसे 'दो थप्पड़ मारने' की बात कहते नज़र आए थे. इस युवक की कोरोना संक्रमित मां अस्पताल में भर्ती थीं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के बड़हलगंज क़स्बे का मामला. अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत की बात से इनकार करते हुए कहा है कि मरीज़ पहले से ही गंभीर हालत में थे.
पंजाब के अमृसर स्थित नीलकंठ अस्पताल ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है. उसने कहा कि ज़िला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की. दो महिलाओं सहित छह मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.
घटना जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल की है. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीज़ों की जान गई, वहीं अस्पताल प्रबंधन और ज़िला प्रशासन ने ऑक्सीजन कमी के आरोपों से इनकार किया है.
देश में कोरोना महामारी की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेने के मामले को लेकर कुछ वरिष्ठ वकीलों की टिप्पणियों से नाख़ुश शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई टालते हुए कहा कि उसने देश में कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े मामलों की सुनवाई करने से उच्च न्यायालयों को नहीं रोका है.
अमेरिका के कई सांसदों ने भारत में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर चिंता प्रकट करते हुए जो बाइडेन प्रशासन से भारत को ज़रूरी मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है. डेमोक्रेट सांसद एडवर्ड मार्के ने कहा कि हमारे पास ज़रूरतमंदों की मदद के लिए सारे संसाधन हैं और यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है.
सर गंगाराम अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने कहा है कि अस्पताल का ऑक्सीजन का भंडार कुछ घंटे और चलेगा, वेंटिलेटर और बीआईपीएपी मशीनें भी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही हैं. अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, बीते चौबीस घंटों में हुई 25 मौतों में से कुछ का संभावित कारण ऑक्सीजन का कम दबाव हो सकता है.
मैक्स अस्पताल की ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन आपूर्ति केंद्र के ज़िम्मे है और उसके आवंटन आदेश का पालन न किए जाने पर स्थानीय अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है.
एक मीडिया रिपोर्ट में वाणिज्य मंत्रालय के दस्तावेज़ों के हवाले से बताया गया है कि भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दस महीनों में पिछले पूरे वित्त वर्ष की तुलना में विश्व भर में दोगुनी मात्रा में ऑक्सीजन निर्यात की. इस अवधि के अधिकांश हिस्से में भारत उन शीर्ष देशों में था, जो कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित हैं.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि 1,737,178 व्यक्तियों ने कोवैक्सिन की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से केवल 695 लोग संक्रमित हुए हैं. इसी तरह 15,732,754 व्यक्तियों ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से 5,014 संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह छोटी संख्या है और चिंताजनक नहीं है.
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चार बिंदुओं- ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि और लॉकडाउन घोषित करने की राज्य की शक्ति पर संज्ञान लेने का प्रस्ताव कर रहा है और इस बारे में एक राष्ट्रीय योजना के लिए नोटिस जारी करना चाहता है.
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के डीसा शहर का मामला. ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उनके पास मंगलवार तक ही स्टॉक था और नए स्टॉक का आदेश दिया गया था जो दिन में पहुंचा. इसी बीच ऑक्सीजन की कमी से दो मरीज़ों ने दम तोड़ दिया.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थिति एक निजी अस्पताल का मामला. मरीज़ों की मौत से नाराज़ उनके परिजन ने अस्पताल में खूब हंगामा किया. अस्पताल प्रशासन कहना है कि किसी भी मरीज़ की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत नहीं हुई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की तत्काल ज़रूरत पर याचिका सुनते हुए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि जब तक ऑक्सीजन का आयात नहीं होता तब तक अगर इस्पात-पेट्रोलियम जैसे उद्योग कम क्षमता के साथ काम करें तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा. लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिली तो तबाही मच जाएगी. हम लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरते हुए नहीं देख सकते.
महाराष्ट्र के नासिक शहर स्थित डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल में हुआ भीषण हादसा. ऑक्सीजन का मेन स्टोरेज टैंक लीक होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई थी, जिससे ये मौतें हुईं. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.