संपादकीय: केंद्र के नए नियम स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने का प्रयास हैं

अनुचित तरीके से बनाए गए नए सोशल मीडिया नियम समाचार वेबसाइट्स को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ खड़ा करते हैं. इन्हें वापस लिया ही जाना चाहिए.

डिजिटल मीडिया से घबराई सरकार, पत्रकारों को क़ाबू में करने का काम शुरू

वीडियो: मीडिया में सरकार की छवि को चमकाने और स्वतंत्र पत्रकारिता का दमन करने के लिए मोदी सरकार के मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट का खुलासा हुआ है. इस मुद्दे पर द कारवां के पोलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

स्वतंत्र मीडिया को बेअसर करने की मंत्रियों की मंत्रणा के बाद बनाए गए नए डिजिटल मीडिया नियम

कारवां पत्रिका ने नौ मंत्रियों के एक समूह की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि 2020 के मध्य में इन सभी ने स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को प्रभावहीन बनाने के लिए ख़ाका तैयार किया था. इसमें ऐसे लोगों को ख़ामोश करने की योजना बनाई गई थी, जो सरकार के ख़िलाफ़ ख़बरें लिख रहे हैं या उसका एजेंडा नहीं मान रहे हैं.

मणिपुर: विवादित डिजिटल मीडिया नियम के तहत न्यूज़ पोर्टल को जारी नोटिस वापस लिया गया

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों के तहत सबसे पहली नोटिस मणिपुर के न्यूज पोर्टल द फ्रंटियर मणिपुर को उसके एक कार्यक्रम को लेकर जारी किया गया है. पोर्टल को सभी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रति मुहैया कराने को कहा गया था, जो इन नियमों के पालन को सुनिश्चित करते हों.

सोशल, डिजिटल मीडिया और ओटीटी मंचों पर बढ़ेगी निगरानी, मोदी सरकार लाई नए नियम

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग रोकने के लिए नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जिनके तहत संबंधित कंपनियों के लिए एक पूरा शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा. साथ ही ख़बर प्रकाशकों, ओटीटी मंचों और डिजिटल मीडिया के लिए ‘आचार संहिता’ और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू होगी.

सोशल मीडिया मंचों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार, समुचित परामर्श न होने को लेकर हितधारक चिंतित

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मध्यस्थों और नेटफ्लिक्स व अमेज़न के प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफार्मों को उनके माध्यम से साझा की जाने वाली सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह बनाने के लिए आईटी अधिनियम में कुछ हिस्सों में बदलाव करना चाहता है.

सरकार की डिजिटल मीडिया के लिए नई एफ़डीआई नीति के बाद हफ़पोस्ट ने भारत में काम बंद किया

अमेरिका स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी हफ़पोस्ट के भारतीय डिजिटल प्रकाशन हफ़पोस्ट इंडिया ने छह साल के बाद मंगलवार को भारत में अपना काम बंद कर दिया. इसके साथ ही उनमें कार्यरत 12 पत्रकारों की नौकरी भी चली गई.

केंद्र ने डिजिटल मीडिया कंपनियों को एक महीने के भीतर एफ़डीआई नियमों का अनुपालन करने को कहा

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न न्यूज़ पोर्टल, वेबसाइट और न्यूज़ एजेंसियों को जारी किए गए नोटिस में कहा कि उन्हें एक महीने के भीतर निदेशकों व शेयरधारकों का नाम तथा पता के साथ कंपनी और उसकी शेयरधारिता की जानकारी देनी होगी.

ऑनलाइन सामग्री पर रोक लगाने संबंधी निर्देशों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

लेखकों और निर्देशकों के एक तबके ने कहा है कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाए जाने के निर्णय से वैश्विक स्तर पर भारतीय कंटेंट क्रियेटरों को नुकसान हो सकता है. इससे निर्माताओं और यहां तक कि दर्शकों की रचनात्मक एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है.

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाए गए

ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है. दिलचस्प यह है कि ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों को ‘प्रेस’ उपश्रेणी के तहत न रखकर ‘फिल्म’ उपश्रेणी के तहत रखा गया है.

संपादकीय: द वायर के पांच साल

पांच साल पहले हमने कहा था कि हम नये तरीके से ऐसे मीडिया का निर्माण करना चाहते हैं जो पत्रकारों, पाठकों और जिम्मेदार नागरिकों का संयुक्त प्रयास हो. हम अपने इस सिद्धांत पर टिके रहे हैं और यही आगे बढ़ने में हमारी मदद करेगा.

यह अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए निराशाजनक दौर है

यह एक कठोर हक़ीक़त है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी को बचाए रखने वाले हर क़ानून के अपनी जगह पर होने के बावजूद समाचारपत्रों और टेलीविज़न चैनलों ने बिना प्रतिरोध के आत्मसमर्पण कर दिया है और ऊपर से आदेश लेना शुरू कर दिया है.

क्या सरकार ने सोशल मीडिया पर नज़र रखने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं?

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रम बेसिल ने 25 अप्रैल 2018 को एक टेंडर सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब नाम से जारी किया है. इसके माध्यम से सरकार फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नज़र रखेगी.

डिजिटल मीडिया में संतुलन के लिए क़ानून की ज़रूरत: स्मृति ईरानी

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि देश में इंटरनेट यूज़र्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए डिजिटल मीडिया उद्योग के लिए नियम बनाने का यह सही समय है.