मध्य प्रदेश में खुशहाली मंत्रालय है, राज्य को 4 बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिल चुका है, सरकार कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति का दावा करती है, फिर राज्य के किसान क़र्ज़ में कैसे डूबे हैं और वे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?
छह जुलाई को मध्य प्रदेश के मंदसौर से किसान मुक्ति यात्रा की शुरुआत होगी जो कई राज्यों से होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेगी.
सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अगर हम अपना कृषि क्षेत्र नहीं बचा पाए तो अर्थव्यवस्था भी नहीं बचा पाएंगे.
राज्य बनने के बाद तेलंगाना में 3000, मध्य प्रदेश में 21 दिन में 40, मराठवाड़ा में दो हफ़्ते में 42 और छत्तीसगढ़ में एक पखवाड़े में 12 किसानों ने आत्महत्या की है.
देश में चल रहे किसान आंदोलन और कृषि की स्थिति पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा की बातचीत.
पिछले 48 घंटे में देश भर से 14 किसानों के आत्महत्या करने की ख़बरें आ चुकी हैं. जिस तरह से किसान आत्महत्याएं हो रही हैं, यह किसी आपात स्थिति से कम नहीं है.
महाराष्ट्र में चार, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान और पंजाब में एक-एक किसान ने की आत्महत्या, मप्र में 8 जून से अब तक 17 किसान आत्महत्याएं.
देश के कई हिस्सों में सरकार द्वारा किसानों की समस्या पर ध्यान न देने के विरोध में अनोखा प्रदर्शन. किसानों ने कहा- हम योग के विरोध में नहीं, सरकार के विरोध में हैं.
मोदी सरकार भले ही नोटबंदी की सफलता का डंका पीट रही है लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों का कहना है कि नोटबंदी ने उन्हें तबाह कर दिया है.
मध्य प्रदेश में 8 जून से लेकर अब तक 15 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. एक जून को किसानों के आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक देश भर में 31 किसानों के आत्महत्या की ख़बर है.
होशंगाबाद के नर्मदा प्रसाद यादव के पांच से छह लाख रुपये क़र्ज़ लिया था जो बढ़कर 30 लाख हो गया. साहूकार की प्रताड़ना के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.
जिन 12 किसानों ने आत्यहत्या की है, उनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के सबसे ज़्यादा चार किसान हैं.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए किसानों की हत्या के विरोध में गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत हुई.
जन गण मन की बात की 70वीं कड़ी में विनोद दुआ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल की चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 68वीं कड़ी में विनोद दुआ किसानों पर नोटबंदी के असर और आधार व पैन कार्ड से जुड़े अदालत के फैसले पर चर्चा कर रहे हैं.