कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब में ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू, ट्रेन सेवाएं निलंबित

पंजाब में किसान संगठनों द्वारा आहूत ‘रेल रोको’ प्रदर्शन तीन दिनों तक चलेगा. इसके अलावा कुल 31 किसान संगठनों ने विवादित कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ 25 सितंबर को पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है. रेलवे की ओर से कहा गया है कि इस आंदोलन से ज़रूरी सामानों और खाद्यान्नों की आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

पीएम मोदी का दावा है कि एमएसपी ख़त्म नहीं होगा तो इस पर वे क़ानून क्यों नहीं बनाते: पी. साईनाथ

किसानों के प्रदर्शन के बीच तीन कृषि अध्यादेशों को लोकसभा के बाद राज्यसभा की भी मंज़ूरी मिल गई है. पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि इन क़ानूनों के चलते चौतरफ़ा अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. किसान अपनी उपज का उचित मूल्य चाहता है लेकिन इसके लिए जो भी थोड़ी बहुत व्यवस्था बनी हुई थी सरकार उसे भी उजाड़ रही है.

पंजाब: कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ मुक्तसर में चल रहे प्रदर्शन के दौरान किसान ने ख़ुदकुशी की

मृतक किसान भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) द्वारा 15 सितंबर से मुक्तसर ज़िले के बादल गांव में नए कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ आयोजित प्रदर्शन में भाग ले रहे थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है.

कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा दिया

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. कौर ने कहा कि किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है और उन्हें किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.

हरियाणा: कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया

किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के ज़रिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की स्थापित व्यवस्था को ख़त्म कर रही है और अगर ऐसा होता है तो उन्हें कॉरपोरेट के रहम पर जीना पड़ेगा. बीते जुलाई महीने में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के किसान भी इसे लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं.

खेती न केवल खाद्य उत्पादक मशीन है, बल्कि सभी के लिए रोज़गार की नींव है: एमएस स्वामीनाथन

साक्षात्कार: कोरोना के दौर में राहत देने के लिए मोदी सरकार द्वारा 'ऐतिहासिक कृषि सुधार' के नाम से तीन कृषि अध्यादेश लाए गए हैं, लेकिन किसान ही इनके ख़िलाफ़ हैं. कई सालों से चले आ रहे कृषि संकट पर प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन कहते हैं कि किसानों के प्रति रवैये में बदलाव लाने की ज़रूरत है.

क्यों किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं

किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के ज़रिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की स्थापित व्यवस्था को ख़त्म कर रही है और यदि इन्हें लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा.

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