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पिछले पांच सालों में केंद्र सरकार पर कैग रिपोर्ट्स में 75 फीसदी की कमी आई: आरटीआई

अपनी रिपोर्ट्स के ज़रिये वित्तीय जवाबदेही तय करने और सरकारी अनियमितताओं को सामने लाने वाली कैग ने 2जी, कोयला आवंटन, 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स समेत कई घोटालों को उजागर किया था. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार 2015 में कैग ने 55 रिपोर्ट्स पेश की थीं, जिनकी संख्या 2020 घटकर 14 हो गई.

वित्त वर्ष 2019 की कई कैग ऑडिट रिपोर्ट के सार्वजनिक पटल पर न आने की वजह क्या है

बीते कुछ सालों में विधानसभाओं में ऑडिट रिपोर्ट्स पेश करने में ख़ासी देर हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट पेश होने में हुई देर इसके प्रभाव को तो कम करती ही है, साथ ही सरकार में ग़ैर-जवाबदेही के चलन को बढ़ावा भी मिलता है.

कैग ने असम सरकार के वित्तीय हिसाब-किताब पर उठाए सवाल, खातों की ‘सत्यता’ पर संदेह जताया

असम के पूरे 108,490 करोड़ रुपये के बजट का विश्लेषण करते हुए कैग ने कहा कि बजट को लागू करने और उस पर निगरानी रखने के सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे. यह भी कहा गया है कि बिना उचित स्पष्टीकरण के अतिरिक्त अनुदान का आवंटन किया गया और बिना बजट प्रावधान के भारी-भरकम राशि ख़र्च की गई है.

रक्षा ऑडिट रिपोर्ट्स को देश के नागरिकों से क्यों छिपाया जा रहा है?

रक्षा मंत्रालय की ऑडिट रिपोर्ट्स के सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध न होने का सबसे अधिक नुक़सान इसके मुख्य स्टेकहोल्डर यानी आम नागरिकों को है. ऑडिट के निष्कर्षों तक सीमित पहुंच होना ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक सूचनापरक विमर्श होने में बाधा डालता है.

अमेरिका, पाक, चीन नज़र बनाए हुए हैं, इसलिए रक्षा रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड नहीं की: निवर्तमान कैग

हाल ही में रिटायर हुए पूर्व कैग राजीव महर्षि ने कहा कि संसद को हम रक्षा रिपोर्ट दे रहे हैं, लोक लेखा समिति को दे रहे हैं. वास्तव में यह गोपनीय नहीं है. कम से कम हम ऐसा कर रहे हैं कि इसे एक क्लिक पर प्राप्त नहीं किया जा सकेगा.

जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा देने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू नए कैग नियुक्त

गिरीश चंद्र मुर्मू ने बीते पांच अगस्त को अचानक जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा दे दिया. बीते साल पांच अगस्त को ही जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्ज़ा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को केंद्र सरकार ने ख़त्म कर दिया था.

सियाचिन में सैनिकों को नहीं मिल रहे हैं उचित कपड़े, राशन और आवास: कैग

संसद में पेश कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैन्य टुकड़ियों के लिए आवश्यक कपड़ों, चश्मों आदि उपकरणों की कमी देखी गई है, साथ ही उन्हें दिए जाने वाले विशेष राशन की गुणवत्ता से भी समझौता किया गया.

सियाचिन, लद्दाख में जवानों को नहीं मिल रहा जरूरी खाना: कैग

कैग की रिपोर्ट से पता चला है कि सियाचिन और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात जवानों के पास स्नो ग्लासेस और मल्टीपर्पज जूते नहीं हैं. उनके पास जरूरी भोजन भी उपलब्ध नहीं है. इन इलाकों में बेहद ठंड की वजह से जवानों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला बंद किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल मामले में सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि ‘चौकीदार चोर है’. उनकी इसी टिप्पणी के खिलाफ मानहानि याचिका दायर की गई थी.

जब किसी मामले में राजनीतिक रंग नहीं होता, तभी सीबीआई अच्छा काम क्यों करती है: सीजेआई गोगोई

नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सीबीआई को अधिक स्वायत्त बनाने के लिए कैग की तरह दर्जा मिलना चाहिए, जिससे वह प्रशासनिक नियंत्रण से अलग हो सकें.

Karad: Farmers plough their field as they sow soyabean at a field in Ghogaon village near Karad, Friday, July 5, 2019. Finance Minister Nirmala Sitharaman said the government will invest widely in agriculture infrastructure and support private entrepreneurship for value addition in farm sector. (PTI Photo) (PTI7_5_2019_000217B)

सत्यापन किए बिना 500 करोड़ रुपये की कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई: कैग

कैग ने इस बात को लेकर चेताया है कि अगर बिना सत्यापन के कृषि आय के तहत टैक्स छूट दी जाती रहेगी तो इसकी आड़ में बेहिसाब काला धन आने की आशंका है.

राजस्थान में जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाईं 2017-18 बजट की कई प्रमुख घोषणाएं: कैग

कैग ने बजट घोषणाओं को बेहतर तरीके से लागू करने और इसकी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कोई अच्छी व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है.

फिल्म संग्रहालय में फिल्मों की 31 हज़ार से अधिक रीलें खो गईं या नष्ट हो गईं: कैग रिपोर्ट

भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार में भारतीय सिनेमा के 106 सालों से अधिक के इतिहास की फिल्में, वीडियो कैसेट्स, डीवीडी, किताबें, पोस्टर, चित्र, प्रेस क्लिपिंग, स्लाइड्स, ऑडियो सीडी, डिस्क रिकॉर्ड आदि शामिल हैं.