कोविड-19: एमनेस्टी इंडिया की असम सरकार से अपील, डिटेंशन सेंटर के बंदियों को रिहा करें

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने 700 कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है. इस कदम का स्वागत करते हुए एमेनस्टी इंडिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हिरासत केंद्रों में विदेशी घोषित किए गए और संदिग्ध नागरिकों को भी तत्काल रिहा किया जाए.

कोरोना वायरस: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, कैदियों की रिहाई के लिए पैनल गठित करें सभी राज्य

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र देशभर की जेलों में बंद कैदियों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की और कहा कि क्या हम इस हालात को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और जेलों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं?

कोरोना वायरस: जेलों में भीड़ कम करेगी दिल्ली सरकार, कैदियों को देगी विशेष पैरोल और फर्लो

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दो वकीलों ने जेलों में भीड़ कम करने की मांग की थी और कहा था कि 5200 कैदियों की क्षमता वाले तिहाड़ जेल में 12,100 से अधिक कैदियों को रखा गया है और देश में अधिकतर जेलों की ठीक ऐसी ही स्थिति है.

जेलों में कोरोना फैला, तो बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करेगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 20 मार्च तक यह बताने का निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के ख़तरे के मद्देनज़र स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने क्या क़दम उठाए हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की कैदियों के लिए मताधिकार का अनुरोध करने वाली याचिका

तीन छात्रों ने एक याचिका दायर कर देश की सभी जेलों में बंद कैदियों को मतदान का अधिकार देने का अनुरोध किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह सुविधा कानून के तहत उपलब्ध है और इसे कानून के माध्यम से छीना जा सकता है.

जेल में क्षमता से अधिक क़ैदी, यूपी में स्थिति सबसे ख़राब: एनसीआरबी

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015-2017 के दौरान भी जेल में क्षमता से अधिक क़ैदी थे. इस अवधि में क़ैदियों की संख्या में 7.4 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ, जबकि समान अवधि में जेल की क्षमता में 6.8 प्रतिशत वृद्धि हुई.

जांच आयोग ने भोपाल जेल से भागे सिमी के आठ सदस्यों के एनकाउंटर को सही ठहराया

प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ विचाराधीन क़ैदी 30 अक्टूबर की रात भोपाल केंद्रीय जेल से एक सुरक्षाकर्मी की हत्या करने के बाद फ़रार हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने 31 अक्टूबर की सुबह आठों क़ैदियों को मार गिराया था.

क़ैदियों के भी मानवाधिकार हैं, उन्हें पशुओं की तरह जेल में नहीं रखा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

देश की कई जेलों में निर्धारित संख्या से छह गुना अधिक क़ैदी रखे जाने पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर उन्हें सही से नहीं रख सकते हैं तो उन्हें रिहा कर देना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, रिहाई की सिफ़ारिश के बावजूद क्यों भरी हैं जेलें

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों को जेल में सालों से रह रहे क़ैदियों की स्थिति पर हलफ़नामा दर्ज करने का आदेश दिया है.

भारत की बदहाल जेलों पर कोई बात क्यों नहीं करता?

जेलों पर ज़रूरत से ज़्यादा बोझ और कर्मचारियों की कमी के चलते भारतीय जेलें राजनीतिक रसूख वाले अपराधियों के लिए एक आरामगाह और सामाजिक-आर्थिक तौर पर कमज़ोर विचाराधीन कैदियों के लिए नरक हैं.