गर्त में जीडीपी: मोदी के ‘सब चंगा सी’ रवैये से इस संकट का हल नहीं निकलेगा

मुख्य आर्थिक सलाहकार आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार के पास भविष्य में सही समय पर जारी करने के लिए काफी संसाधन हैं. लेकिन सौ सालों में एक बार आने वाले आर्थिक संकट का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के पास बस एक ही चीज़ की किल्लत होती है और वह है समय.

आत्मनिर्भर भारत: प्रवासी मज़दूरों के लिए आवंटित खाद्यान्न में से सिर्फ 33 फीसदी का वितरण हुआ

केंद्र द्वारा ‘सफल’ घोषित की गई इस योजना के तहत आठ लाख टन खाद्यान्न वितरण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इसमें से सिर्फ 2.65 लाख टन राशन का वितरण हुआ है.

केंद्र ने कोर्ट से कहा, लोन किस्त के भुगतान पर लगी रोक दो साल के लिए बढ़ाई जा सकती है

सुप्रीम कोर्ट कोरोना महामारी के चलते क़र्ज़ की किस्त अदायगी को स्थगित किए जाने के दौरान लोन पर ब्याज लेने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में अपना रुख़ साफ़ नहीं करने के कारण पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई थी.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही में ​सिर्फ़ कृषि, वानिकी और मत्स्य उद्योग में विकास दर्ज की गई है. तीनों क्षेत्रों में विकास दर ​3.4 प्रतिशत रही. साल 1996 में जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़े देने की शुरुआत किए जाने के बाद से यह सबसे ज़्यादा गिरावट है.

क़र्ज़ अदायगी से छूट के दौरान ब्याज लगाने पर कोर्ट ने कहा- आरबीआई के पीछे छिप रही सरकार

कोरोना महामारी के चलते क़र्ज़ की किस्तों को स्थगित किए जाने के दौरान लोन पर ब्याज लेने के मुद्दे पर अपना रुख़ साफ नहीं करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि समस्या आपके लॉकडाउन द्वारा पैदा की गई है. ऐसा प्रतीत होता है कि भारत सरकार स्वतंत्र फैसला नहीं ले रही है और आरबीआई पर निर्भर है.

कोरोना महामारी से ग़रीब सबसे ज़्यादा प्रभावित, मांग को पटरी पर आने में लंबा समय लगेगा: आरबीआई

आरबीआई ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए तेज़ी से और व्यापक सुधारों की ज़रूरत है. रिपोर्ट में कहा गया है अब तक सकल मांग के आकलन से पता चलता है कि खपत पर असर काफ़ी गंभीर है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस महामारी ने एक नई असमानता को उजागर किया है.

कृषि के लिए 1 लाख करोड़ का पैकेज इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की हक़ीक़त पर पर्दा डालने की कोशिश है

देश का इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पैसे के लिए मोहताज है, लेकिन सरकार हवाई क़िले बनाकर देश को इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के एक्सप्रेस-वे पर दौड़ाने का स्वांग रच रही है. कृषि क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान इसी स्वांग का हिस्सा है.

आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, जीडीपी वृद्धि नकारात्मक रहने का अनुमान

रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए जब तक जरूरत है तब तक मौद्रिक नीति का स्थायी रुख बना रहेगा.

मौजूदा वित्त वर्ष के चार महीने में ही मनरेगा के आवंटित फंड का क़रीब 50 फ़ीसदी ख़र्च

कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस साल मनरेगा का बजट बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था. सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि अब तक इसमें से 48,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ख़र्च हो चुकी है. ऐसे में कई ग्राम पंचायतों के पास मनरेगा के तहत काम कराने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

खेती न केवल खाद्य उत्पादक मशीन है, बल्कि सभी के लिए रोज़गार की नींव है: एमएस स्वामीनाथन

साक्षात्कार: कोरोना के दौर में राहत देने के लिए मोदी सरकार द्वारा 'ऐतिहासिक कृषि सुधार' के नाम से तीन कृषि अध्यादेश लाए गए हैं, लेकिन किसान ही इनके ख़िलाफ़ हैं. कई सालों से चले आ रहे कृषि संकट पर प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन कहते हैं कि किसानों के प्रति रवैये में बदलाव लाने की ज़रूरत है.

क्यों किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं

किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के ज़रिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की स्थापित व्यवस्था को ख़त्म कर रही है और यदि इन्हें लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा.

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सिर्फ 28 फ़ीसदी प्रवासी मज़दूरों को ही राशन मिला

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी जून महीने में कम से कम 15.58 करोड़ लाभार्थियों को राशन नहीं मिला है. कम वितरण के कारण अब केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत प्रवासी मज़दूरों को राशन देने की समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 तक कर दी है.

राज्‍यों की अन्न वितरण योजना बढ़ाने की मांग पर केंद्र ही अंतिम निर्णय लेगा: रामविलास पासवान

साक्षात्कार: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में गरीबों को मदद देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की गई थी, जिसे ज़मीन पर उतारने का ज़िम्मा उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को मिला था. इस बारे में मंत्री रामविलास पासवान से बातचीत.

सख़्त लॉकडाउन से तबाह हुई अर्थव्यवस्था: उद्योगपति राजीव बजाज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बातचीत में उद्योगपति राजीव बजाज ने कहा कि कठोर और खामियों वाला लॉकडाउन यह सुनिश्चित करता है कि वायरस अभी भी मौजूद रहेगा. यानी आपने वायरस की समस्या को हल नहीं किया. संक्रमण के ग्राफ को समतल करने के बजाय जीडीपी के ग्राफ को समतल कर दिया गया.

केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र, एक कृषि बाजार’ बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी

कैबिनेट ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को भी मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके.