कोविड-19 के रोजाना सामने आ रहे 79.10 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. 16 राज्यों में रोज़ाना के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव के आयोजन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को टीका लगाना था. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान आम दिनों की तुलना में लोगों को कम टीके लगाए गए.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि समाचार संगठन लगातार महामारी, चुनाव आदि मामलों को कवर कर रहे हैं जिससे पाठकों तक ख़बरों व सूचनाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो. समाचार मीडिया आवश्यक सेवाओं में शामिल है, इसलिए यह उचित होगा कि पत्रकारों को संरक्षण के दायरे में लाया जाए.
भाजपा ने दावा किया है कि अमरेली में पार्टी प्रमुख सीआर पाटिल से संबंधित एक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे उनके कार्यकर्ताओं को सहायक पुलिस आयुक्त (एएसपी) अभय सोनी द्वारा पीटा गया. वहीं सोनी का कहना है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से सिर्फ़ वहां से जाने के लिए कहा था, क्योंकि रात बहुत ज़्यादा हो गई थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि पांच राज्यों- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर में टीके की ख़ुराक की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत से अधिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 टीके क्यों बर्बाद हो रहे हैं, इसकी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि 1 से 15 मार्च के बीच 17 राज्यों के 55 ज़िलों में 100-150 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और इसे फिर से फैलने से रोकने के लिए तीव्र और निर्णायक क़दम उठाने का आह्वान किया है.
आंध्र प्रदेश के गुंटुर ज़िले के एक सरकारी अस्पताल में हुई मौत. घटना के बाद अन्य आशा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग की. गुंटुर ज़िलाधिकारी ने कहा कि मौत की वास्तविक वजह की जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मिल पाएगी.
55 वर्षीय महिला स्वास्थ्यकर्मी हरियाणा के गुड़गांव ज़िले के भांगरोला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थीं. उन्हें 16 जनवरी को कोविशील्ड का टीका लगा था. परिजनों का कहना है कि उन्हें संदेह है कि उनकी मौत टीका लगने की वजह से हुई है.