राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिहार में सत्ता में आने पर शराबबंदी क़ानून के तहत जेल में बंद 1.3 लाख लोगों को छोड़ने की बात कही.
दो दिन पहले मांझी ने मार्च में होने वाले राज्यसभा की छह सीटों के चुनाव के लिए बिहार से अपनी पार्टी के व्यक्ति को एनडीए उम्मीदवार घोषित किए जाने की मांग की थी. कांग्रेस के चार एमएलसी जदयू में शामिल.
बिहार में शराब पीने के जुर्म में तकरीबन एक लाख लोग गिरफ़्तार किए गए होंगे. राज्य की अदालतों और जेलों में क्या आलम होगा, आप अंदाज़ा कर सकते हैं. एक लाख लोग किसी एक जुर्म में जेल में बंद हों यह सामान्य नहीं हैं.
बीते शनिवार चुनाव परिणाम आने के बाद से ही छात्र अध्यक्ष पद के विजेता के नामांकन में गड़बड़ी और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, नगालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय के प्रमुख समाचार.
शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि उपसभापति वेंकैया नायडू ने उनका और अली अनवर अंसारी का पक्ष सुने बिना ही सदस्यता रद्द कर दी है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: वामदल और जदयू ने कहा, मोदी मुद्दों के बजाय गुजरात में पाकिस्तान के दख़ल की बात करते हैं, आरोप में दम है तो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है, 32 क्षेत्रीय दलों की 221 करोड़ रुपये की आय में से आधी ख़र्च नहीं हुई.
कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई.
यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने का वादा हो या किसानों को अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का, किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया.
यह सरकार लघु उद्योगों, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र के हालातों को लेकर शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए हुए है. समस्याओं को स्वीकार न करने से समस्याएं समाप्त नहीं हो जाती हैं. न ही कैबिनेट में फेरबदल कर देने से ही इन्हें सुलझाया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.
बिहार के पटना स्थित गांधी मैदान में तैयार हुई महागठबंधन की भूमिका, बसपा, माकपा को छोड़ 21 विपक्षी दलों की जुटान.
पत्र में जदयू के बागी नेता को आगाह किया गया है कि वह बिहार सरकार और हिंदू हितों के ख़िलाफ़ न बोलें वरना उन्हें ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा.
सोनिया, राहुल, मायावती के राजद रैली में नहीं आने से विपक्षी एकता पर उठे सवाल.