नीतीश कुमार से अलग हुए प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएंगे?

जदयू से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने ‘बात बिहार की' कैंपेन शुरू किया है. उनका कहना है कि इसके ज़रिये वे सकारात्मक राजनीति करने के इच्छुक युवाओं को जोड़ना चाहते हैं. कैंपेन के तहत उनके द्वारा दिए जा रहे आंकड़े बिहार की एनडीए सरकार के राज्य में पिछले 15 सालों में हुए विकास के दावों पर सवाल उठाते हैं.

एनआरसी-एनपीआर के विरोध के बाद सीएए के समर्थन में क्यों हैं नीतीश कुमार?

वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश भर में कड़ा विरोध हुआ है. कई राज्यों ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया है और एनआरसी लागू न करने की बात कही है. लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनआरसी-एनपीआर से इनकार कर रहे हैं, पर सीएए के समर्थन में हैं. इस बारे में जदयू के पूर्व महासचिव पवन वर्मा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

बिहार विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जा रहा है और एनपीआर का 2010 में किए गए तरीके से ही अपडेटेशन किया जाएगा.

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा जदयू से निष्कासित, दोनों ने नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा ​पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के कारण उनकी आलोचना कर रहे थे.

सीएए पर रुख़ साफ़ करने की मांग पर नीतीश ने पवन वर्मा से कहा, जिस पार्टी में जाना है जाइए

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने हाल ही में पत्र लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दिल्ली में भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन पर 'वैचारिक स्पष्टता' देने के लिए कहा था.

जदयू महासचिव ने सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना को खारिज करने का अनुरोध नीतीश कुमार से किया

जदयू अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी महासचिव पवन वर्मा ने रविवार को लिखे खुले पत्र में कहा कि थोड़े समय के राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धांत की राजनीति को बलि नहीं चढ़ाया जा सकता.

सुशील मोदी ने बिहार में एनपीआर के लिए घोषित की तारीख, जदयू का भी समर्थन

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्रियों पी. विजयन को चुनौती दी कि वे सीएए और एनपीआर लागू नहीं करें, यदि वे ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री सीएए और एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता, चाहे वह इनके विरोध में क्यों न हो.

नागरिकता कानून का समर्थन करने वाली जदयू और बीजद ने कहा- एनआरसी लागू नहीं होगा

कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी एनआरसी का विरोध कर चुके हैं. वहीं, भाजपा की एक और सहयोगी रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने कहा कि देशभर में हो रहे प्रदर्शन बताते हैं कि केंद्र सरकार समाज के एक बड़े वर्ग के बीच भ्रम को दूर करने में नाकाम रही है.

बिहार: क्या नीतीश कुमार के राज में ‘जंगलराज’ की वापसी हो गई है?

पिछले कुछ समय में बिहार में महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या की नृशंस घटनाएं सामने आई हैं. इसके अलावा राज्य में लूट और अपहरण की वारदातें भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं.

झारखंड और महाराष्ट्र में जदयू अपने चुनाव चिह्न का नहीं कर सकता है इस्तेमाल: चुनाव आयोग

जदयू पर अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ के साथ चुनाव लड़ने से इसलिए रोक लगाई गई है क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ यह काफी मिलता-जुलता है.

बिहार में आरएसएस नेताओं की जानकारी इकट्ठा करने से जुड़ा पत्र सामने आने पर बवाल

बिहार पुलिस की विशेष शाखा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा बीते 28 मई को लिखे गए पत्र में आरएसएस और उसके 19 सहयोगी संगठनों के ज़िला स्तर के पदाधिकारियों के नाम, पता, टेलीफोन नंबर और व्यवसाय को लेकर एक रिपोर्ट मांगी गई थी.

बिहार: थाने में फंदे से लटकता मिला जदयू के दलित नेता का शव, तीन पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

कथित तौर पर एक लड़की के अपहरण मामले में पूछताछ के लिए जदयू के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को पुलिसवाले थाने ले गए थे. जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने किया हिंसक प्रदर्शन.

जदयू ने किया तीन तलाक विधेयक का विरोध, कहा- बिना सलाह मुस्लिमों पर न थोपा जाए कोई विचार

सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक फिर से पेश किए जाने की संभावना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान भी इस विधेयक का विरोध किया था.

क्या नीतीश कुमार फिर एनडीए से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं?

उचित प्रतिनिधित्व न मिलने के कारण नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से जदयू के इनकार और बिहार राज्य कैबिनेट विस्तार में किसी भाजपा नेता को जगह न देने के सियासी घटनाक्रम को दोनों पार्टियों के बीच बढ़ती खटास के तौर पर देखा जा रहा है.

‘सांकेतिक प्रतिनिधित्व’ मिलने से नाराज़ जदयू मोदी मंत्रिमंडल में नहीं हुई शामिल

जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.

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