जम्मू कश्मीर: उमर-महबूबा के बाद अब पूर्व आईएएस शाह फैसल पर लगा पीएसए

पूर्व नौकरशाह और कश्मीरी नेता शाह फैसल को अगस्त 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान भरने से रोके जाने के बाद श्रीनगर ले जाया गया था, तब से वे हिरासत में हैं. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया था.

उमर अब्दुल्ला की हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा क़ानून के तहत हिरासत में लिए जाने के ख़िलाफ़ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. पिछले साल अगस्‍त में राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से ही उमर नज़रबंद हैं.

उमर अब्दुल्ला हिरासत मामला: सुप्रीम कोर्ट जज ने सुनवाई से खुद को अलग किया

आज जब सुनवाई शुरु हुई तो तीन न्यायाधीशों की पीठ में शामिल जस्टिस मोहन शांतानागौदर ने खुद को इसकी सुनवाई से अलग कर लिया. बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने जन सुरक्षा कानून के तहत उमर अब्दुल्ला की हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

उमर अब्दुल्ला और महबूबा पर पीएसए लगाने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दिए अजीबो-गरीब तर्क

जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जो पीएसए लगाने के लिए जो आरोप लगाए गए हैं उनमें उनकी बड़ी संख्या में वोट हासिल करने की क्षमता का जिक्र किया गया है. वहीं, खतरनाक साजिश रचने की क्षमता के कारण पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 'डैडी गर्ल' और 'कोटा रानी' कहा गया.

जम्मू कश्मीर: उमर अब्दुल्ला की पीएसए के तहत हिरासत के खिलाफ उनकी बहन सुप्रीम कोर्ट पहुंची

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत नजरबंद करने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.

कश्मीरः महबूबा, उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज

इसके साथ ही दो अन्य नेताओं पर भी इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी शामिल हैं. पिछले साल अगस्‍त में जम्‍मू कश्‍मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों की रिहाई पर स्थानीय प्रशासन फ़ैसला लेगा, मैं नहीं: शाह

बीते अगस्त में केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाकर दो हिस्सों में बांटने के फ़ैसले के पहले से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई स्थानीय नेता हिरासत में हैं.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला की हिरासत पर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट

कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला को जनसुरक्षा क़ानून के तहत हिरासत में रखे जाने का विरोध करते हुए लोकसभा अध्यक्ष से उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश देने का अनुरोध किया.

उमर और फ़ारूक़ छला हुआ महसूस कर रहे हैं, वे चुप नहीं बैठेंगे: सफ़िया अब्दुल्ला

द वायर के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सफ़िया अब्दुल्ला ख़ान ने बताया कि उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला पर पीएसए लगाए जाने से पूरा परिवार हैरान है.

जम्मू कश्मीरः दो नाबालिगों को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया, जांच के आदेश

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने हिरासत में रखे गए नाबालिगों के रिश्तेदारों की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में से एक मामले में 10 दिन के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं जबकि दूसरे मामले में सरकार से जवाब मांगा है.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला के पास क़ानून व्यवस्था की समस्या खड़ी करने की ज़बरदस्त क्षमता: पीएसए ऑर्डर

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा क़ानून के तहत दर्ज मामले में उन पर आतंकवादियों और अलगाववादियों का महिमामंडन करने वाले बयान देने का आरोप लगाया गया है.

फ़ारुक़ अब्दुल्ला गिरफ़्तार: कश्मीर पर झूठ बोल रही है सरकार?

वीडियो: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है. पीएसए के तहत बिना ट्रायल के व्यक्ति को दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

पुलवामा हमले से पांच अगस्त तक पीएसए के 80 फीसदी मामलों को हाईकोर्ट ने रद्द किया

एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले से लेकर पांच अगस्त तक जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की श्रीनगर पीठ में 150 बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इनमें जन सुरक्षा क़ानून से जुड़े 39 मामलों में से अदालत ने लगभग 80 फीसदी मामलों में हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है.

सरकार ने फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया

जन सुरक्षा कानून के तहत बिना ट्रायल के व्यक्ति को दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पांच अगस्त से ही नजरबंद हैं.