कंगना रनौत को फेमिनिज़्म के बारे में अभी बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है

कंगना रनौत का एक साथी महिला कलाकार के काम को नकारते हुए उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास और घर गिराए जाने की तुलना बलात्कार से करना दिखाता है कि फेमिनिज़्म को लेकर उनकी समझ बहुत खोखली है.

यूपी: बरेली में युवक का मुंह काला कर चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया

मामला बरेली ज़िले के शाही थाना इलाके के एक गांव का है. कुछ लोगों ने युवक के साथ कथित तौर पर दूसरी जाति की एक लड़की को देख लिया था. पीड़ित की शिकायत पर गांव प्रधान के पति समेत 13 लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

कुठांव: मुस्लिम समाज में जातिवाद को उघाड़ता उपन्यास

अब्दुल बिस्मिल्लाह ने मुस्लिम समाज में मौजूद जातिवाद को कुठांव यानी मर्मस्थल की मानिंद माना है. उनके अनुसार यह एक ऐसा नाज़ुक विषय है अमूमन जिसका अस्तित्व ही अवास्तविक माना जाता है और जिसके बारे में बात करना पूरे मुस्लिम समाज के लिए एक पीड़ादायक विषय है.

अगर मॉडर्न इंडिया ने जातिवाद को नकार दिया है, तो ऊंचे पदों पर दलित क्यों नहीं हैं

बीते रविवार को अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्विटर पर भारत में जाति-व्यवस्था, आरक्षण और भेदभाव को लेकर टिप्पणियां की थीं.

जातिगत भेदभाव को लेकर कब ख़त्म होगा भारतीयों का दोहरापन

भारतीयों के मन में व्याप्त दोहरापन यही है कि वह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर होने वाली ज़्यादतियों से उद्वेलित दिखते हैं, पर अपने यहां के संस्थानों में आए दिन दलित-आदिवासी या अल्पसंख्यक छात्रों के साथ होने वाली ज़्यादतियों को सहजबोध का हिस्सा मानकर चलते हैं.

न्यायिक और प्रशासनिक मामलों में किसी की जाति का उल्लेख संविधान के ख़िलाफ़: राजस्थान हाईकोर्ट

साल 2018 के एक मामले का जिक्र करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने एक स्थायी आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति की जाति का उल्लेख किसी भी न्यायिक और प्रशासनिक मामले में नहीं किया जाना चाहिए.

कोरोना वायरस जाति-धर्म नहीं देखता, इससे निपटने के लिए एकता और भाईचारा ज़रूरी: नरेंद्र मोदी

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई के दौरान कुछ लोग जान-बूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे हैं. भारत एकजुट है और हम सब एक हैं. सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है.

केरल: मंदिर में शौचालय के बाहर लिखा ‘केवल ब्राह्मणों के लिए’ का बोर्ड, विवाद के बाद हटाया

केरल के कुट्टुमुक्कू महादेव मंदिर के तीन शौचालयों के बाहर लगे साइनबोर्ड पर पुरुष, महिला और केवल ब्राह्मण लिखा हुआ है. इस मामले में कोचीन देवस्वम बोर्ड ने जांच के आदेश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश: फीस जमा न होने के कारण दलित बच्चों का नाम स्कूल से काटा

मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के शोहरतगढ़ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का है. पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल पर जातिसूचक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया.

राजनीतिक समाज का नया हथियार बनता जय श्री राम

क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.

दलितों के ख़िलाफ़ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर: रिपोर्ट

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, सितंबर 2015 से अब तक कथित रूप से हुए घृणा-आधारित अपराधों के कुल 721 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दलितों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुए अपराधों की है.

देश के उच्च जाति के हिंदू सबसे अमीर, कुल संपत्ति के 41% के मालिक: रिपोर्ट

जेएनयू, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी और भारतीय दलित अध्ययन संस्थान द्वारा दो साल तक किए एक अध्ययन में सामने आया है कि देश की कुल संपत्ति का 41 प्रतिशत हिंदू उच्च जातियों और 3.7 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के हिंदुओं के पास है.

एम्स दिल्ली में डॉक्टरों से मांगी गई धर्म और जाति की जानकारी

डॉक्टरों से संबंधित प्रशासनिक काम संभालने वाली एम्स फैकल्टी सेल के प्रमुख डॉक्टर संजय आर्या ने कहा कि हमने वरिष्ठ डॉक्टरों का डाटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से फॉर्म भेजे थे. उनकी जाति और धर्म के बारे में जानकारी की कोई जरूरत नहीं थी. फॉर्म में ये सवाल गलती से जोड़ दिए गए. मैं इसे जल्द ही संशोधित कर दूंगा.

बिहार: स्कूल में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव, सरकार ने दिए जांच के आदेश

वैशाली जिले के एक सरकारी स्कूल में हिंदू और मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में बांटकर पढ़ाने का मामला सामने आया है. यहां पर अटेंडेंस रजिस्टर भी धर्म और जाति के आधार पर बनाया गया है.

शायद हम धर्म, जाति के आधार पर पहले से कहीं अधिक बंटे हुए हैं: जस्टिस गोगोई

देश के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हमें क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या कहना चाहिए, क्या पढ़ना और सोचना चाहिए, ये सब अब हमारी निजी ज़िंदगी के छोटे और महत्वहीन सवाल नहीं रह गए है.