एके शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में आने के बाद उन्हें पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया था.
बीते महीने ट्विटर ने भाजपा नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के लिए एक ‘टूलकिट’ बनाया है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा था. उस वक़्त सरकार पर ट्विटर को डराने-धमकाने के आरोप भी लगे थे.
पिछले महीने भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
सरकार की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों देश ने राष्ट्रीय गौरव के कई क्षणों का अनुभव किया. गृहमंत्री अमित शाह ने शाह ने मोदी को ग़रीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का श्रेय दिया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कोविड-19 के बीच भाजपा राहत कार्य कर रही है, जबकि विपक्ष पृथकवास में है. शिवसेना ने मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की सलाह दी. महाराष्ट्र कांग्रेस
ट्विटर ने दिल्ली पुलिस के ‘टूलकिट’ जांच मामले में उसके दफ़्तरों में आने को ‘डराने-धमकाने की चाल’ बताया था. इसे लेकर मोदी सरकार ने कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कंपनी के बयान को सच्चाई से परे बताया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके दिल्ली के लाडो सराय और गुड़गांव में स्थित ट्विटर इंडिया कार्यालयों में गई थीं. स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि ट्विटर के पास टूलकिट के बारे में क्या जानकारी है और उसने कांग्रेस के कथित टूलकिट से संबंधित भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी का टैग देना क्यों चुना.
बीते भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस संकट काल में विपक्षी दल की ‘गिद्धों की राजनीति’ उजागर हुई है. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने एवं लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया था.
बीते साल ट्रंप प्रशासन द्वारा ट्विटर के ख़िलाफ़ इस्तेमाल की गई धमकाने वाली समान भाषा में केंद्र सरकार ने कहा कि अगर ट्विटर आधिकारिक मांगों को नहीं मानता है तो एक 'मध्यस्थ' के बतौर उसकी क़ानूनी स्थिति पर सवाल उठ सकता है. सरकार ने यह भी कहा कि ट्विटर ने एकतरफा तरीके से मामले में निष्कर्ष निकाल कर भाजपा नेता के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी में डाल दिया.
बीते 18 मई को एक कथित टूलकिट के माध्यम से भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने इस टूलकिट को फ़र्ज़ी बताते हुए ट्विटर से कहा था कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं के अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित कर दे. कांग्रेस ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस में शिकायत भी
भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस संकट काल में विपक्षी दल की ‘गिद्धों की राजनीति’ उजागर हुई है. वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने एवं लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाया है.
अमेरिका की ‘2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेस’ रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन ने मीडिया की आवाज को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, मानहानि, राजद्रोह, हेट स्पीच क़ानून के साथ-साथ अदालत की अवमानना जैसे क़ानूनों का सहारा लिया है.
कांग्रेस का आरोप है कि समाचार की शक्ल में छपे इस विज्ञापन के ज़रिये भाजपा ने ऊपरी असम की उन सभी सीटों पर अपनी जीत का दावा किया है, जहां 27 मार्च को पहले चरण में मतदान हुआ था. कांग्रेस की शिकायत के आधार पर निर्वाचन आयोग ने असम के अख़बारों को नोटिस जारी किया है.
कैग ने साल 2014 से 2019 के बीच उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए कार्यों का आकलन किया है. इसके लिए चार जिलों के छह अस्पतालों को चुना गया था. ख़ास बात ये है कि राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास स्वास्थ्य विभाग का भी प्रभार था.
उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसकी वजह पूछे जाने पर उन्होंने इसे पार्टी का सामूहिक निर्णय बताया था.
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भाजपा के एक धड़े के नेताओं का मानना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पार्टी का भविष्य ठीक नहीं दिख रहा है. इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं जताई जा रही थीं. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा भ्रष्टाचार और विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश है.