उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा: मृतक संख्या 31 पर पहुंची, बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार, ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में 171 लोगों के लापता होने की सूचना है. लापता लोगों में पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत लोगों के अलावा आसपास के गांवों के स्थानीय लोग भी हैं जिनके घर बाढ़ के पानी में बह गए.

मंत्री रहते हुए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजना के ख़िलाफ़ थी: उमा भारती

भाजपा नेता उमा भारती ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है. उन्होंने कहा कि मंत्री रहने के दौरान उन्होंने आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है, इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाएं नहीं बननी चाहिए.

उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा: अब तक 11 शव बरामद, राहत और बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने से रविवार को अचानक आई भीषण बाढ़ से प्रभावित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे तक़रीबन 200 लोग लापता हो गए हैं. उनकी तलाश के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान जुटे हुए हैं.

उत्तराखंड: ग्लेशियर टूटने से गढ़वाल क्षेत्र में आई विकराल बाढ़, 150 श्रमिक लापता

चमोली ज़िले के नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरीक्षेत्र में टूटे हिमखंड से धौलगंगा और अलकनंदा घाटी में आई बाढ़ ने रैणी गांव के पास बने ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. परियोजना स्थल से डेढ़ सौ के क़रीब लोग लापता हैं और अब तक कुछ शव बरामद किए गए हैं.