मध्य प्रदेश: माचिस को लेकर हुए विवाद में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

मामला मध्य प्रदेश के गुना ज़िले का है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 50 वर्षीय दलित खेतिहर मज़दूर से दो युवकों ने सिगरेट जलाने के लिए माचिस मांगी थी. माचिस न होने की बात को लेकर कथित तौर पर मृतक का युवकों से विवाद हो गया था.

सिद्दीक़ कप्पन जातीय तनाव पैदा करने और क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने हाथरस जा रहे थेः यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाख़िल हलफ़नामे में दावा किया है कि सिद्दीक़ कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.

केरल के पत्रकार की हिरासत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा

पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ़्तारी पर केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अदालत के सामने मौलिक अधिकारों के हनन के लिए दायर होने वाली अनुच्छेद 32 वाली याचिकाओं बाढ़-सी आ गई है और वे इन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं.

हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा सीबीआई जांच की निगरानी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच पूरी हो जाने के बाद अदालत फ़ैसला करेगी कि मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया जाए या नहीं.

हाथरस मामले में मीडिया को बयान देने वाले दो एएमयू डॉक्टरों का कार्यकाल बढ़ाया गया

हाल ही में एएमयू प्रशासन ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अस्थायी चिकित्साधिकारी के तौर पर काम कर रहे डॉक्टर मोहम्मद अज़ीमुद्दीन मलिक और डॉक्टर उबैद इम्तियाज़ हक़ की सेवाएं समाप्त कर दी थी. इन्होंने हाथरस बलात्कार मामले में पुलिस के उलट बयान दिया था.

हाथरस मामलाः मथुरा की अदालत ने केरल के पत्रकार, तीन अन्य की न्यायिक हिरासत बढ़ाई

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और तीन अन्य युवकों को गिरफ्तार किया था. चारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह और आतंकवाद रोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया ​है.

हाथरस पीड़िता के साथ रेप को लेकर यूपी पुलिस के उलट बयान देने वाले डॉक्टर को एएमयू ने निकाला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉ. अज़ीम मलिक ने यूपी पुलिस के दावों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए 11 दिन बाद सैंपल लिए जाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इससे बलात्कार होने की पुष्टि नहीं हो सकती है. घटना के बाद युवती का इलाज इसी अस्पताल में हो रहा था.

शोषण का पूर्वाभ्यास

वीडियो: निर्भया कांड जैसे वीभत्स हादसे के बाद इसका दोहराव न होने की दुआ सभी ने की थी, लेकिन अब हाथरस कांड हमारे सामने है. क्या ये महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा का अंत है? इस बारे में दामिनी यादव के विचार.

हाथरस मामलाः पत्रकार और सीएफआई के तीन सदस्यों पर राजद्रोह का एक अन्य मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार किया था. इन पर राजद्रोह और यूएपीए के तहत पहले ही मामला दर्ज किया गया है.

दलितों ने जो अधिकार संघर्ष से हासिल किए थे, आज वो सब खोते जा रहे हैं

बहुत सारे अधिकार संविधान सभा की बहसों से निकले थे, जब भारतीय संविधान बना तो उसमें उन अधिकारों को लिख दिया गया और बहुत सारे अधिकार बाद में दलितों ने अपने संघर्षों-आंदोलनों से हासिल किए थे. हालांकि दलितों का बहुत सारा समय और संघर्ष इसी में चला गया कि राज्य ने उन अधिकारों को ठीक से लागू नहीं किया.

हाथरस मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट को देखने दें, कोई समस्या हुई तो हम हैं: सुप्रीम कोर्ट

हाथरस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट ही करेगा. मामले में कई अन्य वकील भी बहस करना चाहते थे, जिस पर पीठ ने कहा कि हमें पूरी दुनिया की मदद की ज़रूरत नहीं है.

हाथरस पीड़िता का शव आधी रात में जलाना मानवाधिकार का उल्लंघन था: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस के तत्कालीन एसपी के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने और डीएम को बख़्श देने पर सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट ने एक मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से युवती के साथ बलात्कार न होने का दावा करने वाले अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार को फटकार लगाते हुए बलात्कार की परिभाषा में हुए बदलावों की जानकारी मांगी.

यूपी: नाबालिग दलित के कथित गैंगरेप और आत्महत्या मामले में कोतवाल और चौकी प्रभारी निलंबित

मामला चित्रकूट ज़िले का है. बीते आठ अक्टूबर को 15 वर्षीय दलित किशोरी के साथ कथित तौर सामूहिक बलात्कार किया गया था. मामले में शिकायत न दर्ज किए जाने से नाराज़ होकर मंगलवार को किशोरी ने अपने घर में फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

हाथरस मामले में यूपी सरकार द्वारा दायर हलफ़नामे में क़ानूनी ग़लतियों और कुतर्कों की भरमार है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस मामले में शीर्ष अदालत में दायर किए हलफ़नामे में जान-बूझकर भ्रामक तथ्य पेश किए गए हैं. यह हलफ़नामा पुलिस के प्रोफेशनल ज्ञान, विश्वसनीयता और पीड़ितों को न्याय दिलाने की उनकी नीयत, तीनों पर सवालिया निशान खड़े करता है.

हाथरस गैंगरेप: सीबीआई ने पूछताछ शुरू की, पीड़िता के भाई को मौक़ा-ए-वारदात पर लेकर गए

उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में सीबीआई की टीम मंगलवार को उसके गांव पहुंची. टीम ने कथित बलात्कार और अंतिम संस्कार वाली वाली जगहों से सबूत जुटाए.

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