झारखंड सरकार गांधी की छवि और जनता का पैसा ईसाईयों के ख़िलाफ़ नफरत फैलाने में इस्तेमाल कर रही है

11 अगस्त को झारखंड के अधिकतर हिंदी अख़बारों में छपे एक सरकारी विज्ञापन में गांधी के नाम से धर्मांतरण के संबंध में वो बातें लिखी गईं, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं थीं.

आज़ादी अगस्त में पैदा हुई थी इसलिए मर गई

लगता है वह एक ही प्रधानमंत्री है जो अपने चोले और शक्ल बदल कर हर बरस घंटे भर कुछ बोलता है. उसे इस बार भी बोलना है. जब मैं यह लिख रहा हूं उसके बोले जाने वाले शब्द लिखे जा चुके होंगे. उनके बोलने में लोकतंत्र हर बार मजबूत होता है. उन्हें सुनकर इंसान हर बार मजबूर होता है.

डिजिटल साक्षरता का सच: ‘मैं डिजिटल साक्षर हूं लेकिन कंप्यूटर नहीं चला सकता’

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने लायक हो जाता है, तो उसे ‘साक्षर’ की श्रेणी में डाल दिया जाता है.

आॅक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं तो मेडिकल कॉलेजों को बकाया भुगतान करने का निर्देश क्यों?

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में दवा और गैस का कोई भी भुगतान बकाया न रखने को कहा है.

सफाईकर्मियों की मौत के लिए सरकारों में इच्छाशक्ति की कमी ज़िम्मेदार है: बेज़वाड़ा विल्सन

सफाई कर्मचारी आंदोलन के अध्ययन के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 1470 सीवर सफाईकर्मियों की जान गई. इस दौरान दिल्ली में 74 सफाईकर्मियों की मौत सीवर साफ करते समय हुई.

अगर इंसेफलाइटिस ख़त्म हो गया तो धर्म ख़तरे में पड़ जाएगा

मृत्यु तो संसार का एकमात्र शाश्वत सत्य है. योगी जी उत्तर प्रदेश को इसी सत्य का साक्षात्कार कराना चाहते हैं जो धर्म का मर्म है. लेकिन लोग उनके पीछे पड़ गए हैं.

अर्थी का अर्थ

यह अर्थी कितना कुछ मांगती है! चार मज़बूत कंधे और वह भी लगभग बराबर ऊंचाई के. इसकी आड़ लेकर लोगों को बेटा चाहिए. उसी के कंधे का आसरा खोजा जाता है.

अनुच्छेद 35ए को क़ानूनी चुनौती दिए जाने को लेक​र कश्मीर बंद

अलगावादियों ने इस अनुच्छेद को क़ानूनी चुनौती देने को मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू कश्मीर में आबादी की संरचना को बदलने वाला कदम बताया है.

क्या देश बनाने का काम स्थगित चल रहा है?

समाज में विचारों की, अाचारों की अौर समझ की नई खिड़कियां खोलते रहने की जरूरत पड़ती है. जो समाज ऐसा करना बंद कर देता है, जो अतीत के गुणगान में लग जाता है, वह अंतत: अपनी ही चोटी में उलझ कर, उसे काट डालता है. हम उसी दौर से गुजर रहे हैं.