हत्यारों की भीड़ इस देश की नुमाइंदगी नहीं करती

अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.

भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता और नफ़रत का जिन्न छोड़ दिया है

आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.

गौरी लंकेश जैसी हत्याएं जारी रहेंगी क्योंकि हत्यारों को पता है कि उन्हें माफ़ कर दिया जाएगा

गौरी की हत्या एक चेतावनी है. हत्यारों को पता है कि वे सुरक्षित हैं. वे बेखौफ़ होकर अपना काम करते रहेंगे.

दाभोलकर और पानसरे की हत्या सुनियोजित, कुछ संगठनों ने की मदद: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, दोनों हत्याओं के बीच स्पष्ट गठजोड़ है. कुछ संगठन निश्चित तौर पर अपराधियों का समर्थन कर रहे थे.