केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि रोजाना छपाई होने वाले नोट का आंकड़ा इतना संवेदनशील नहीं है कि इसकी जानकारी देने से मना किया जाए.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2017 में अधिक तेज़ रफ़्तार से बढ़ी, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई.
पहले भी केंद्र सरकार के करीबी माने जाने वाले अधिकारी आरबीआई तक पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज़ को आज़ाद रखा. क्या शक्तिकांत दास ऐसा कर पाएंगे?
नेपाल सरकार ने 100 रुपये के अलावा 200, 500 और 2000 रुपये के भारतीय नोटों को देश में अमान्य घोषित कर दिया है.
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जय नारायण व्यास ने नवनियुक्त रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से बैंक का प्रमुख एक योग्य अर्थशास्त्री होना चाहिए.
वर्तमान में वित्त आयोग के सदस्य शक्तिकांत दास आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और उर्वरक सचिव रह चुके हैं.
नोटबंदी के दो साल बाद प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने 2000 रुपये का नोट लाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं, तो उससे बड़ा नोट लाने की क्या ज़रूरत थी?
केंद्र की मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय संकट में है. उसे मंदी झेलने को तैयार रहना चाहिए.
चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर धरपकड़ हुई है. अवैध रकम के अलावा शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात बरामद किए गए हैं.
ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
अपनी आने वाली किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि आईएलएंडएफएस की ताजा विफलता से न केवल वाणिज्यिक बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी प्रभावित हुईं. इन विफलताओं के लिए रिज़र्व बैंक को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए नोटों के काग़ज़ की गुणवत्ता पुराने नोटों से काफी ख़राब है इसलिए ये नोट जल्दी ख़राब होने लगे हैं.
नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया कि नोटबंदी से पहले दर्ज हुई 8% की आर्थिक वृद्धि इस फैसले के बाद 6.8 % पर पहुंच गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी हुई.
कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.
अगर कुल संभावित एनपीए का क़रीब 40 प्रतिशत 10 के करीब बड़े कारोबारी समूहों में फंसा हुआ है, तो बैंक इसका समाधान किए बगैर क़र्ज़ देना शुरू नहीं कर सकते हैं. यह बात स्पष्ट है लेकिन सरकार बड़े बकाये वाले बड़े कारोबारी समूहों के लिए अलग नियम चाहती है, जो उनके हितों का ख्याल रखते हों.