अंतरात्मा का अभाव वर्तमान भारत का सबसे बड़ा संकट है

आखिर ऐसे लोग कहां हैं, जिनका अनुकरण किया जा सके? यह एक बड़ी चुनौती है. अगर मैं यह चाहता हूं कि मेरा बच्चा एक अच्छा नागरिक बने जो सर्वश्रेष्ठ मूल्यों के लिए आवाज उठा सके, तो आखिर इस मौजूदा पीढ़ी में वे प्रेरणा-पुरुष कहां हैं, जिनकी ओर देखा जा सकता है? हम 21वीं सदी में 19वीं सदी के अनुकरणीय व्यक्तियों की मिसाल कब तक देते रहेंगे?

क्या सिविल सेवा में लैटरल एंट्री की पहल ही पेशेवरों की कमी ख़त्म करने का सबसे बेहतर तरीका है?

ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.

मंत्रालयों-विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ संस्थाओं के भगवाकरण का प्रयास: वीरप्पा मोइली

प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.

आईएएस लैटरल एंट्री: असली सवाल तो सरकार की नीयत का है

लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.

आईएएस लैटरल एंट्री: नौकरशाही में बदलाव के नाम पर मोदी सरकार का नया स्टंट

संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 38: यूपीएससी के बिना संयुक्त सचिवों की नियुक्ति

हम भी भारत की 38वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मोदी सरकार द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के दस पदों के लिए बिना लोकसेवा आयोग की परीक्षा के नियुक्तियों के आवेदन आमंत्रित करने पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुंदर बुर्रा और हार्ड न्यूज़ पत्रिका के संपादक संजय कपूर से चर्चा कर रही हैं.

गुजरात के ‘मोदीफाइड’ नौकरशाहों की फ़ौज देश चला रही है

देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.

क्या गया एसएसपी का ट्रांसफर शराब मामले में गिरफ़्तार भाजपा सांसद के बेटे की वजह से हुआ?

बिहार की गया लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हरि मांझी के बेटे राहुल मांझी और उनके दोस्तों को शराब पीने की वजह से बीते 23 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया था.

‘इस्पाती ढांचा’ ढहने के गवाह थे पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमणियन

आईएएस जैसी प्रतिष्ठित सेवा पर राजनीतिक दबावों, सेवा में फैलते भ्रष्टाचार और नेताओं की जी-हुज़ूरी की प्रवृत्ति तथा इस सेवा के आम जनता से विमुख होने के ख़िलाफ़ टीएसआर सुब्रमणियन अंतिम समय तक लड़ते रहे.

राजस्थान सरकार की सफाई, लोकसेवकों को झूठे मुक़दमे से बचाने के लिए लाया गया विधेयक

राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर कहा गया, नये अध्यादेश में भ्रष्ट लोकसेवकों को कोई संरक्षण नहीं, यह संशोधन झूठे मुक़दमों पर अंकुश लगाने के लिए हैं.

राजस्थान में लोकतंत्र का गला घोंटने वाले बिल का विरोध करूंगा: भाजपा विधायक

एडिटर्स गिल्ड ने कहा, यह विधेयक मीडिया को परेशान करने का एक घातक साधन है, जो सरकारी कर्मियों के ग़लत कृत्यों को छुपाता है और प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाता है.