नौकरियों के घटते और बदलते अवसरों पर चर्चा कीजिए

डिजिटल युग में नौकरी दो स्तर पर होगी. उच्चतम कौशल वाली और निम्नतम मज़ूदरी वाली. बहुत से दफ्तरों में सर छिपा कर काम करने वाले बीच के काबिल लोग ग़ायब हो जाएंगे. बल्कि हो भी रहे हैं.

गुजरात चुनाव: एक ही सवाल बार-बार, कहां गईं नौकरियां-कहां है रोज़गार

राज्य के मौजूदा राजनीतिक विमर्श में रोज़गार और नौकरी को लेकर उठी आवाज़ें दब-सी गयी हैं. पूरा चुनाव प्रचार षड्यंत्रों की उल्टी-सीधी दास्तानों और ध्रुवीकरण पर आधारित हो गया है.

गुजरात में वे 50 लाख घर कहां बने जिनका नरेंद्र मोदी ने वादा किया था?

मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि ग़रीबों के लिए 50 लाख घर बना कर देंगे. क्या इस चुनाव में वे इस वादे की बात करेंगे?

नोटबंदी से गईं 15 लाख नौकरियां, 60 लाख लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट

निर्माण क्षेत्र के 73 प्रतिशत नौकरी देने वालों का कहना है कि वे अगले तीन महीने तक कोई भी नई नौकरी देने की स्थिति में नहीं हैं.

छंटनी के ख़तरे के बीच आईटी सेक्टर के कर्मचारी बनाएंगे यूनियन

फोरम फॉर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लायइज की अध्यक्ष वासुमति का आरोप है कि आईटी कम्पनियां मुनाफा कमाने के उद्देश्य से अप्रैज़ल प्रक्रिया में ‘खराब परफॉरमेंस’ का बहाना बनाकर कर्मचारियों को निकाल रही हैं.