मोदी के लिए लगाई थी गंगा में डुबकी, अब विश्वास की नैया डूबी

वीडियो: उत्तर प्रदेश में शामली के गौरव पवार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिले, इसके लिए गंगा में डुबकी लगाई थी. किसान आंदोलन में ऐसा क्या हुआ कि उनके कट्टर समर्थक रहे गौरव का भ्रम टूट गया?

आंदोलन के दौरान किसानों की मौत पर परिजनों को सहायता से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं: कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने किसानों के साथ 11 दौर की वार्ता के दौरान कृषि क़ानूनों की क़ानूनी वैधता सहित उनसे होने वाले लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है. हालांकि किसान यूनियनों ने इस पर चर्चा करने पर कभी भी सहमति व्यक्त नहीं की, वे केवल क़ानूनों को वापस लेने पर अड़े रहे.

अलीगढ़ किसान महापंचायत: आरएलडी नेता जयंत चौधरी समेत पांच हज़ार से अधिक लोगों पर केस दर्ज

कृषि क़ानूनों के विरोध में अलीगढ़ ज़िले के गोंडा क्षेत्र में बीते नौ फरवरी को किसान महापंचायत हुई थी, जिसमें आरएलडी नेता जयंत चौधरी शामिल हुए थे. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि महामारी के दौरान आयोजित इस कार्यक्रम में लोग बिना फेस मास्क शामिल हुए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया.

किसान आंदोलनः नरेंद्र मोदी को वोट देकर क्यों पछता रहे हैं यूपी के किसान

वीडियो: उत्तर प्रदेश के किसानों में सरकार के प्रति बहुत अधिक निराशा है उन्हें सरकार से जितनी उम्मीदें थीं सरकार उन पर खरी नहीं उतरी है, ऐसा किसानों का कहना है. किसानों से द वायर की बातचीत.

मिलिए उस युवा किसान से जो मोदी सरकार को चुनौती दे रहा है

वीडियो: एक युवा किसान से जो सरकार से आंखों में आंखें डालकर सवाल करता है, जो भगत सिंह की बात करता है, जिसे उम्मीद है की समाज में असमानता दूर होगी. ऐसी उम्मीद को ज़िंदा रखने वाले इस शख्स से बातचीत.

मीडिया बोल: किसान आंदोलन पर शासन का कोप, मीडिया और इंटरनेट शटडाउन

वीडियो: किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण होने के बावजूद सरकार का रुख कड़ा और अड़ियल है. मुख्यधारा का मीडिया पूरी तरह उसके साथ है. इंटरनेट बैन, किसानों की गिरफ़्तारी के साथ कई पत्रकारों पर भी मामले दर्ज हुए. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उर्मिलेश की बातचीत.

क्यों हिमाचल और उत्तराखंड के लोगों को कृषि क़ानूनों और किसान आंदोलन के बारे में चेत जाना चाहिए

वर्तमान में एमएसपी जैसे तरीके पहाड़ों की आबादी के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं, हालांकि मुख्यधारा के मीडिया और इन जगहों के दूर होने के चलते यहां के लोगों को इस मुद्दे पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं हो रहा है.

दिल्ली: ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल क़िले की घटना का आरोपी दीप सिद्धू गिरफ़्तार

केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी लाल क़िले तक पहुंच गए थे. बताया गया है कि अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने वहां एक ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगाया था.

देश में भूख पर व्यापार नहीं करने देंगे, एमएसपी पर कानून ज़रूरी: राकेश टिकैत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कहा कि एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा. इस पर अन्य किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार दावा कर रही है कि एमएसपी जारी रहेगा तो वह क़ानूनी गारंटी क्यों नहीं देती.

किसान महापंचायत: मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद पहली बार मुस्लिम-जाट किसान एक मंच पर आए

वीडियो: किसान आंदोलन की गूंज पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुकी है और हाल ही में शामली में किसान नेताओं की एक महापंचायत हुई. यहां के किसानों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

किसान आंदोलन पर अमेरिकी कांग्रेस ने कहा- लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करे भारत सरकार

अमेरिकी कांग्रेस के शक्तिशाली इंडिया कॉकस के नेताओं ने भारत सरकार से लोकतांत्रिक नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अनुमति देने और इंटरनेट तक पहुंच मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

किसान आंदोलन: टिकरी बॉर्डर के पास हरियाणा के किसान का शव पेड़ से लटका मिला

दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान बीते 20 जनवरी तक कम से कम पांच लोग दिल्ली के विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर आत्महत्या कर चुके हैं. इसी तरह किसान आंदोलन के दौरान विभिन्न कारणों से कई किसानों की जान जा चुकी है.

भारत में किसान आंदोलनों का इतिहास क्या है

वीडियो: अपने खेत में व्यस्त रहने वाला किसान समय-समय पर अपने लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करता रहा है. देश की आज़ादी से पहले की बात हो या आज़ादी के बाद की किसान अपना हक़ हुक्मरानों से मांगते रहे हैं.

‘यह आंदोलन न तो कमज़ोर हुआ है और न होगा, कोई भी ज़ंजीर हमें रोक नहीं पाएगी’

पिछले सत्तर दिनों से तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे किसान आंदोलन का केंद्र बने धरनास्थलों में से एक ग़ाज़ीपर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग बढ़ाने के साथ, कंटीले तार और कीलें गाड़ दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसका मक़सद दिल्ली और आसपास के इलाकों से आने वाले लोगों को रोकना है.

केंद्र सरकार के पास कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए दो अक्टूबर तक का समयः राकेश टिकैत

केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आह्वान पर शनिवार को देश के विभिन्न इलाकों में चक्काजाम किया गया. किसानों ने आंदोलन स्थलों के पास के क्षेत्रों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर देशव्यापी चक्काजाम की घोषणा की थी.

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