वडाली ब्रदर्स में से एक सूफ़ी गायक प्यारेलाल वडाली का निधन

पंजाबी सूफ़ी संगीत की दुनिया में बेहद लोकप्रिय थे प्यारेलाल वडाली. अपने भाई पूरन चंद वडाली के साथ मिलकर ‘तू माने या न माने’ जैसे कई लोकप्रिय गीत गा चुके थे.

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब में क़र्ज़ में डूबे चार किसानों ने आत्महत्या की

राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, किसानों के मुद्दे उठाने से रोक रही है. पंजाब में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं पूर्व मुख्यमंत्री बादल के गृह ज़िले में.

हर घर बिजली पहुंचाने के मामले में बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे पीछे

बिजली मंत्रालय के संबंधित पोर्टल सौभाग्य के अनुसार देश में 4 करोड़ घर बिजली से वंचित हैं जिसमें लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा घर उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं.

नोटबंदी पर जश्न का दिन भी किसानों के लिए मौत का दिन था

मध्य प्रदेश में दो, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में एक-एक किसानों ने की आत्महत्या, महाराष्ट्र में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 2,414 किसानों ने आत्महत्या की.

हिंदुओं को आठ राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

दिल्ली भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.

जीएसटी लागू करने में केंद्र की छोटी भूमिका, कांग्रेस बराबर की भागीदार: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, नेहरू-गांधी परिवार की आंखों में चुभते हैं गुजराती, गुजरात चुनाव को बताया विकासवाद और वंशवाद की जंग.

सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल दो मामलों में बरी, देशद्रोह और हत्या का मामला चलता रहेगा

हिसार की जिला अदालत ने रामपाल को सरकारी काम में बाधा डालने और लोगों को बंधक बनाने के मामले से बरी क​र दिया है.

किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घाटे का सौदा है

वास्तव में किसानों से उपज खरीदने वालों से व्यापार में नैतिकता की अपेक्षा भर की जाती रही. सरकार ने यह कोशिश कभी नहीं की कि किसानों को उचित कीमतें मिलें.

पंजाब: 84 के दंगा पीड़ितों का मुकदमा लड़ने के लिए नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा देंगे एचएस फुलका

दिल्ली बार काउंसिल ने आप विधायक और सुप्रीम कोर्ट के वक़ील फुलका के लाभ के पद पर होने की बात कहते हुए उन्हें कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य के ख़िलाफ़ कई मामलों में पीड़ितों की ओर से अदालत में पेश होने की इजाज़त नहीं दी थी.