क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने दो पत्रकारों को एक साल जेल की सज़ा सुनाई

विधानसभा अध्यक्ष और दूसरे विधायकों के ख़िलाफ़ आलेख प्रकाशित करने के मामले में सदन ने दोनों पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की.

‘मीडिया मालिकों ने पत्रकारों को बंधुआ मजदूर बना रखा है’

पत्रकारों के लिए जस्टिस मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफ़ारिश और सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से बातचीत.

वो मीडिया को उस कुत्ते में बदल रहे हैं जिसके मुंह में विज्ञापन की हड्डी है, ताकि वह उन पर न भौंके

शुक्रवार, 9 जून को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने मीडिया के वर्तमान परिदृश्य पर अपने विचार रखे. पढ़ें उनका पूरा भाषण...

हमारे न्यूज़ चैनल तू-तू, मैं-मैं पर क्यों उतर आए हैं?

न्यूज़ चैनल हर विषय पर दलीय प्रवक्ताओं की भीड़ क्यों इकट्ठा करना चाहते हैं? क्या वे राजनीतिक दलों, ख़ासकर सत्ताधारी दल को हर मुद्दे पर अपना फोरम मुहैया कर खुश रखने की कोशिश करते हैं?

आईआईएमसी कराएगा यज्ञ, आईजी कल्लूरी देंगे वंचितों के सवाल पर भाषण

लगातार विवादों में घिरा सरकारी पत्रकारिता संस्थान आईआईएमसी अब परिसर के भीतर यज्ञ आयोजित कर रहा है जिसमें आरएसएस मुखपत्र पाञ्चजन्य के प्रकाशक भी शामिल होंगे.

वीडियो: पत्रकार संतोष यादव से उनके जेल जाने और बस्तर में पत्रकारिता पर बातचीत

संतोष यादव को सितंबर 2015 में बस्तर पुलिस ने नक्सल समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. करीब डेढ़ साल बाद उन्हें ज़मानत मिली. संतोष से अजय आशीर्वाद महाप्रशस्त से बातचीत.

दिल्ली के पार्क में महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला

पश्चिमोत्तर दिल्ली के पार्क में टहलने गईं महिला पत्रकार पर अज्ञात लोगों ने हमला किया है. उनके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं. एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

क्या हमारे मीडिया को अपनी आलोचना से डर लगने लगा है?

राज्यसभा में चुनाव सुधार पर केंद्रित लंबी चर्चा के दौरान विपक्षी नेताओं ने भारत में मीडिया की अंदरूनी संरचना और उसकी भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए.

संसद में बोले शरद यादव, यह भाषण कोई नहीं छापेगा

राज्यसभा सांसद शरद यादव ने यह भाषण 22 मार्च 2017 को राज्यसभा में दिया. सदन में चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए शरद यादव ने देश में पत्रकारिता की ​दशा और दिशा पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. पढ़ें पूरा भाषण...

1 16 17 18