अमरनाथ बनाम जुनैद: ‘थ्री मिस्टेक्स’ आॅफ चेतन भगत

किसी एक त्रासदी के पीड़ितों को दूसरी त्रासदी के पीड़ितों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना हद दर्जे का ओछापन है, जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंकी जाने लगती हैं.

गांव वही था, लोग भी वही थे, मगर ईद वह नहीं थी

अपने हिंदू दोस्तों को ईद की दावत दी. सबने चिकन-मटन खाने से मना कर दिया. ये वही दोस्त थे जो इसके पहले सिर्फ़ इस शर्त पर आते थे कि चिकन-मटन खाने को मिलेगा.

दूसरे देशों की घटनाओं पर ट्वीट करने वाले पीएम पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर मौन क्यों हैं?

ऊपर से शांत दिखने वाली भीड़ का हिंसक बन जाना अब हमारे वक्त़ की पहचान बन रहा है. विडंबना यही है कि ऐसी घटनाएं इस क़दर आम हो चली हैं कि किसी को कोई हैरानी नहीं होती.

ईद: देश के कई हिस्से में काली पट्टी बांधकर मनाया त्योहार, कश्मीर में हिंसक झड़प

हरियाणा के खंदावली गांव के किशोर जुनैद की ईद के दो दिन पहले चलती ट्रेन में पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके विरोध में गांव वालों ने ईद नहीं मनाई.

केंद्र की राजस्थान सरकार को नसीहत, गोरक्षकों के ख़िलाफ़ करें कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को निर्देश दिया है कि वो गोरक्षकों को लेकर उसकी ओर से जारी एडवाजरी को सही ढंग से लागू करे.

मोहम्मद अख़लाक़, पहलू ख़ान और नजीब अहमद के परिवारवालों से बातचीत

पीट-पीट कर मार दिए गए मोहम्मद अख़लाक़ और पहलू खान के अलावा जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के परिवारवालों ने न्याय की मांग की है.

लोग गाय माता की सेवा करते-करते ख़ुद भेड़िये बन गए हैं

वह कैसी सोच है जिसे पूरी दुनिया में केवल एक गाय ही रक्षा करने योग्य लगती है. सड़क के किनारे सोया थका-हारा मज़दूर नहीं, पुल के नीचे मिट्टी में पलते दुर्बल बच्चे नहीं, अस्पतालों के बाहर बैठे रोगी नहीं.

अगर मोदी मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाना चाहते हैं तो बिलकिस को इंसाफ क्यों नहीं दिलाया?

बिलकिस बानो को इंसाफ मिल पाया क्योंकि शेष भारत और देश की अन्य संस्थाओं में अभी अराजकता की वह स्थिति नहीं है, जिसे नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में प्रश्रय दिया था. पर अब धीरे-धीरे यह अराजकता प्रादेशिक सीमाओं को तोड़कर राष्ट्रीय होती जा रही है.

पहलू ख़ान के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: मेरा क़सूर बस ये था कि मैं, मैं था!

हम सब मौत से वाक़िफ़ हैं. अपने अजीज़ लोगों को खोने की तकलीफ हम सबने सही है. हमने न भरे जा सकने वाले खालीपन को महसूस किया है. लेकिन इस मौत का एहसास अलग है. यह एक बेक़सूर की मौत है. यह नफ़रत से हुई मौत है. आप इसे जयसिंहपुर में देख सकते हैं.

मुस्लिमों को अपनी हत्या होने देने से इनकार करना होगा

मुस्लिमों को यह कहना होगा कि वे यहां हैं और यहीं रहेंगे. उन्हें यह कहना होगा कि किसी को भी उन्हें इस देश को छोड़ कर जाने के लिए कहने का हक़ नहीं है. उन्हें यह कहना होगा कि वे यहां अपने मुस्लिमपन के साथ वैसे ही रहेंगे जैसे हिंदू अपने हिंदूपन के साथ रहते हैं.

गोरक्षा के लिए राष्ट्रीय कानून बनाने की भागवत की मांग डरावनी है

उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की व्याख्या आरएसएस ने गोरक्षा और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे अपने पुराने वैचारिक मुद्दों को उठाने के लिए मिली हरी झंडी के तौर पर की है.